Carbon Market: मध्य प्रदेश में जलवायु परिवर्तन से निपटने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए कार्बन मार्केट पर विचार-विमर्श करने हेतु भोपाल में एक विशेष कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला का आयोजन राज्य सरकार के पर्यावरण विभाग की संस्था पर्यावरण नियोजन और समन्वय संगठन (EPCO) और WRI इंडिया ने मिलकर किया। कार्यशाला का विषय था: “मध्य प्रदेश को कार्बन मार्केट से मिलने वाले अवसरों का लाभ उठाने के लिए सशक्त बनाना”।
मुख्य चर्चा और लक्ष्य

कार्यशाला में सरकारी, निजी और औद्योगिक क्षेत्रों के प्रमुख विशेषज्ञों ने भाग लिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे कार्बन मार्केट का उपयोग करके राज्य न केवल अपने जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है, बल्कि आर्थिक रूप से भी सशक्त बन सकता है।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, मनु श्रीवास्तव ने कहा:
“कार्बन मार्केट जलवायु परिवर्तन से लड़ने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का एक प्रभावी उपकरण है। मध्य प्रदेश के लिए यह समय है कि वह सौर ऊर्जा, अपशिष्ट प्रबंधन और अन्य क्षेत्रों में कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग के अवसरों का लाभ उठाए।”
कार्बन मार्केट कैसे काम करता है?
कार्बन मार्केट वह प्रणाली है, जिसमें कंपनियां या देश ग्रीनहाउस गैसों (जैसे CO2) को कम करने के लिए कार्बन क्रेडिट खरीदते और बेचते हैं। एक कार्बन क्रेडिट एक मीट्रिक टन CO2 उत्सर्जन को हटाने या कम करने का प्रमाण होता है।
WRI इंडिया के विशेषज्ञ सुब्रत चक्रवर्ती ने बताया:
“दुनियाभर में लगभग 40% कार्बन मूल्य निर्धारण प्रणाली कंपनियों को कार्बन क्रेडिट के माध्यम से अपने उत्सर्जन को कम करने की अनुमति देती हैं। उदाहरण के लिए, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और कैलिफोर्निया में कंपनियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्बन क्रेडिट का उपयोग कर रही हैं।”
मध्य प्रदेश के लिए संभावनाएं
मध्य प्रदेश अपनी विविध प्राकृतिक संपदा और औद्योगिक क्षमताओं के चलते कार्बन मार्केट का उपयोग कर सकता है। राज्य में ऊर्जा, वानिकी, कृषि, उद्योग और पशुधन जैसे क्षेत्रों में बड़े अवसर हैं।
WRI इंडिया के कार्यक्रम प्रबंधक वरुण अग्रवाल ने कहा:
“हमारी शोध के अनुसार, भारत का कार्बन मार्केट 2030 तक 1.3 बिलियन टन CO2 उत्सर्जन को कम कर सकता है। मध्य प्रदेश जैसी राज्य सरकारें कार्बन क्रेडिट से न केवल वित्त जुटा सकती हैं, बल्कि जलवायु कार्रवाई में अग्रणी भूमिका भी निभा सकती हैं।”
कार्बन मार्केट के लाभ
- पर्यावरण संरक्षण: ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करना।
- आर्थिक विकास: कार्बन क्रेडिट के व्यापार से आय का सृजन।
- टेक्नोलॉजी उन्नयन: नई और हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाने में मदद।
- स्थानीय समुदायों का लाभ: कार्बन राजस्व का न्यायसंगत वितरण।
सरकार की भूमिका और सहायता
मध्य प्रदेश सरकार कार्बन मार्केट में भाग लेने के लिए अनुपालन मानकों को मजबूत करने, तकनीकी विशेषज्ञता विकसित करने और क्षमता निर्माण पर काम कर रही है। इसके अलावा, सरकार सब्सिडी और प्रोत्साहन योजनाओं के जरिए इस प्रक्रिया को और आसान बना रही है।
कार्यशाला का समापन इस आह्वान के साथ हुआ कि मध्य प्रदेश कार्बन मार्केट में अपनी स्थिति को मजबूत करे और इसे जलवायु और आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने का एक प्रभावी साधन बनाए।
कार्बन मार्केट की ओर बढ़ते कदम
कार्बन मार्केट न केवल पर्यावरण को संरक्षित करने में सहायक होगा, बल्कि यह राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। मध्य प्रदेश का यह प्रयास न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा बन सकता है।