Maihar news: मैहर जिले के मनटोलवा गांव में नहर निर्माण के दौरान ठेका कंपनी की लापरवाही से ग्रामीणों के घरों को भारी नुकसान हो रहा है। कंपनी द्वारा मानकों के विपरीत किए जा रहे ब्लास्टिंग कार्य से कई घरों में दरारें आ गई हैं, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है। पीड़ितों ने इस मामले की शिकायत कलेक्टर से की है और उचित मुआवजे की मांग की है।
ब्लास्टिंग से मकानों को नुकसान, ग्रामीणों में डर
गांव में नहर निर्माण के लिए दिन-रात भारी ब्लास्टिंग की जा रही है, जिससे कई मीटर तक झटके महसूस होते हैं। रामकेश रावत, अंबिका प्रसाद सहित कई ग्रामीणों के घरों की दीवारों में दरारें पड़ गई हैं और छतों की कंक्रीट टूटने लगी है। ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहा है, जिससे घरों की संरचना कमजोर हो रही है।
ब्लास्टिंग के डर से घर छोड़ने को मजबूर ग्रामीण
नहर निर्माण कार्य के दौरान जब ब्लास्टिंग होती है, तो आसपास के घरों में कंपन महसूस होता है। डर के कारण ग्रामीणों को अपने घरों से दूर जाना पड़ता है। दो-दो घंटे तक लोग अपने घरों से बाहर रहने के लिए मजबूर हैं। कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि बिना किसी मुआवजे के उनके घरों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
अधिकारियों ने किया मुआयना, मुआवजे का दिया आश्वासन
ग्रामीणों की शिकायत के बाद नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के ईई रामनारायण राय ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। उन्होंने माना कि ब्लास्टिंग के कारण मकानों को नुकसान हो रहा है और इसे रोकने के लिए ब्लास्टिंग की क्षमता कम करना संभव नहीं है, क्योंकि इससे चट्टानें नहीं टूटेंगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों के घरों की मरम्मत कराई जाएगी।
कलेक्टर ने तलब की रिपोर्ट
इस मामले में मैहर कलेक्टर रानी बाटड़ ने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने कहा कि ब्लास्टिंग की अनुमति और उससे जुड़े रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी, ताकि ग्रामीणों को और नुकसान न हो।
ग्रामीणों की मांग – सुरक्षित हो निर्माण कार्य
ग्रामीणों ने मांग की है कि नहर निर्माण कार्य को सुरक्षित तरीके से किया जाए, जिससे उनके घरों को नुकसान न पहुंचे। उन्होंने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए और भविष्य में ब्लास्टिंग के लिए सुरक्षित तकनीकों का उपयोग किया जाए।