environmentalstory

Home » प्लास्टिक ब्रश सालों तक क्यों रहता है और सेब का छिलका कुछ हफ्तों में गायब कैसे हो जाता है?

प्लास्टिक ब्रश सालों तक क्यों रहता है और सेब का छिलका कुछ हफ्तों में गायब कैसे हो जाता है?

by kishanchaubey
0 comment

Plastic Pollution: क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि एक प्लास्टिक का टूथब्रश धरती पर सैकड़ों सालों तक वैसे का वैसा ही पड़ा रह सकता है, लेकिन एक सेब का छिलका या केला कुछ ही हफ्तों में गायब हो जाता है? आखिर ऐसा क्यों होता है ? इसका जवाब प्रकृति के अद्भुत सफाईकर्मी – सूक्ष्मजीवों (Microorganisms या Microbes) में छिपा है। ये सूक्ष्मजीव हमारे पर्यावरण में जैव अपघटन (Biodegradation) की प्रक्रिया को अंजाम देते हैं, जिससे प्राकृतिक चीजें धीरे-धीरे मिट्टी में मिल जाती हैं।

सूक्ष्मजीव कैसे करते हैं यह कमाल?

जब कोई जैविक वस्तु जैसे फल, सब्जियां, पत्तियां या लकड़ी धरती पर गिरती हैं, तो बैक्टीरिया, फंगस (कवक) और अन्य सूक्ष्मजीव उन्हें तोड़कर छोटे-छोटे कणों में बदल देते हैं। यह प्रक्रिया इतनी प्रभावी होती है कि सेब का छिलका कुछ ही हफ्तों में गायब हो जाता है।

प्लास्टिक क्यों नहीं सड़ता?

प्लास्टिक और अन्य कृत्रिम सामग्रियां जैव अपघटन योग्य नहीं होतीं क्योंकि उनके अणु (Molecules) बहुत मजबूत होते हैं और प्रकृति में मौजूद सूक्ष्मजीव उन्हें आसानी से तोड़ नहीं पाते।
इसलिए एक प्लास्टिक ब्रश 400 से 500 साल तक बिना सड़े-गले पड़ा रह सकता है
यही कारण है कि प्लास्टिक प्रदूषण हमारे पर्यावरण के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन गया है।

क्या समाधान है?

बायोडिग्रेडेबल (Biodegradable) उत्पादों का उपयोग करें – जैसे लकड़ी के ब्रश, कागज की थैलियां, और जैविक पैकिंग सामग्री।
प्लास्टिक कचरे को रिसाइकल करें ताकि वह लैंडफिल में ना जाए।
घर में ही गीले कचरे से खाद (Compost) बनाएं, जिससे जैव अपघटित कचरा प्राकृतिक रूप से मिट्टी में मिल जाए।

banner

You may also like