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छठ पूजा पर यमुना में स्नान करना खतरनाक, जहरीले झाग और प्रदूषण से स्वास्थ्य पर गंभीर असर

by reporter
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हर साल दिवाली के बाद और छठ पूजा से पहले दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ जाता है कि न केवल हवा बल्कि यमुना नदी का पानी भी जहरीला हो जाता है। दिल्ली के कालिंदी कुंज क्षेत्र में यमुना नदी के कुछ हिस्सों में जहरीले झाग तैरते देखे जा सकते हैं, जिससे छठ पूजा के पहले भक्तों की चिंताएं बढ़ गई हैं। छठ पूजा के अवसर पर सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए व्रत रखने वाले भक्त यमुना नदी में डुबकी लगाते हैं, लेकिन प्रदूषित पानी के कारण स्वास्थ्य पर गंभीर खतरे पैदा हो सकते हैं।

यमुना प्रदूषण के कारण और स्वास्थ्य पर प्रभाव

बायो एक्सपर्ट्स के अनुसार, यमुना का पानी दिल्ली से बाहर निकलते ही अत्यधिक प्रदूषित हो जाता है। इसका ऑक्सीजन स्तर लगभग शून्य और फीकल बैक्टीरिया का स्तर 9 लाख तक पहुंच जाता है। इस पानी में अमोनिया और फॉस्फेट जैसे हानिकारक रसायन होते हैं, जो न केवल इंसानों बल्कि जानवरों के लिए भी खतरनाक हैं। ये जहरीले झाग और पानी में मौजूद रासायनिक प्रदूषक फेफड़े, गले, त्वचा और आंखों के साथ-साथ लिवर और किडनी को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकते हैं।

प्रदूषित यमुना में नहाने के संभावित नुकसान:

  1. सांस की समस्याएं: यमुना के प्रदूषित पानी में नहाने से सांस लेने में परेशानी और फेफड़ों में संक्रमण हो सकता है, जिससे रेस्पिरेटरी इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
  2. गले का संक्रमण: गंदे पानी में डुबकी लगाने से गले में सूजन, दर्द और इंफेक्शन हो सकता है।
  3. आंखों का संक्रमण: इस पानी के संपर्क में आने से आंखों में जलन, सूजन और इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है।
  4. लिवर और किडनी पर असर: यमुना के पानी में मौजूद हानिकारक तत्व लिवर और किडनी पर बुरा असर डाल सकते हैं, जिससे इन अंगों में संक्रमण और अन्य रोग हो सकते हैं।
  5. पुरानी बीमारियों का बढ़ना: प्रदूषित पानी पुरानी बीमारियों को भी सक्रिय कर सकता है, जो पहले से पीड़ित व्यक्तियों के लिए खतरे को बढ़ा देता है।
  6. पेट में संक्रमण: अगर यह पानी गलती से पी लिया जाए तो पेट में गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
  7. त्वचा संबंधी समस्याएं: यमुना में डुबकी लगाने से त्वचा पर इंफेक्शन हो सकता है, जिससे खुजली, जलन और रैशेज हो सकते हैं।

डुबकी के बाद सावधानियां:

  • यदि किसी ने प्रदूषित यमुना में स्नान किया है, तो स्नान के बाद साफ पानी से जरूर नहाएं।
  • सिर और मुंह को पानी में डालने से बचें।
  • स्नान के बाद किसी डॉक्टर से सलाह लें, खासकर यदि आपको किसी प्रकार की जलन, खुजली या संक्रमण महसूस हो रहा हो।

पर्यावरण और स्वास्थ्य पर यमुना प्रदूषण का प्रभाव

यमुना में प्रदूषण का असर केवल स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है; इसका पर्यावरण पर भी बड़ा प्रभाव पड़ता है। नदियों का प्रदूषित पानी जलीय जीवों को प्रभावित करता है, जिससे मछलियों और अन्य जलीय प्रजातियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाता है। नदी में मौजूद ऑक्सीजन का स्तर घटने से पानी में रहने वाले जीव दम तोड़ने लगते हैं। इसके अलावा, यमुना के किनारे बसे लोग जो इस पानी का उपयोग करते हैं, उनके जीवन और स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर होता है।

यमुना का प्रदूषण दिल्ली की बड़ी समस्याओं में से एक है, जिसे नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। सरकार और जनता को मिलकर इसके प्रदूषण को रोकने के लिए जागरूकता फैलानी होगी, ताकि यमुना का पानी फिर से साफ हो सके और लोग त्योहारों के दौरान बिना किसी चिंता के इसमें स्नान कर सकें।

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