मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पास जंगली हाथियों के हमले में दो ग्रामीणों की जान चली गई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। इन घटनाओं के बाद आसपास के गांवों में डर का माहौल है। वन विभाग की टीम ने लगातार खोज और प्रयास के बाद आखिरकार हमलावर हाथी को पकड़ लिया।
पहला हमला देवरा गांव में
पहली घटना देवरा गांव में हुई, जहां रामरतन यादव (50) पर हमला हुआ। वह सुबह के समय खेत की ओर गए थे जब तीन जंगली हाथियों ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें कुचलकर मार डाला। ग्रामीणों का मानना है कि यह हाथियों का वही झुंड है जो कुछ समय पहले अपने 10 साथियों की मौत से उग्र हो गया था।
दूसरी घटना: भैरव कोल की मौत और मालू साहू घायल
दूसरी घटना ब्राहे गांव के पास छुहाई टोला में हुई। यहां पर जंगली हाथियों ने भैरव कोल (35) को हमला करके मार डाला। इसके बाद इसी झुंड ने मालू साहू (32) पर भी हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वन विभाग का हस्तक्षेप और हाथी की पहचान
वन विभाग की टीम ने जंगली हाथियों की खोज में पैरों के निशानों का सहारा लिया और हमलावर हाथी का पीछा करते हुए उसे बेहोश कर पकड़ लिया। अधिकारियों के अनुसार, यह हाथी लगभग 20 साल का है और अपने झुंड से अलग है। इस हाथी के उग्र होने का कारण उसका बढ़ा हुआ टेस्टोस्टेरॉन लेवल था, जिसके चलते वह उन्मादी हो गया था।
पिछले हफ्ते की घटनाएं: जहरीला पदार्थ खाने से 10 हाथियों की मौत
हाल ही में बांधवगढ़ के खलील रेंज के सांखनी और बकेली इलाकों में 10 हाथियों की मौत हो गई थी। वन अधिकारियों के अनुसार, इन हाथियों की मौत किसी जहरीले पदार्थ के सेवन से हुई थी, और इस कारण से हाथियों का झुंड उग्र हो गया था।
ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग की निगरानी जारी
इन घटनाओं के बाद बांधवगढ़ और उसके आसपास के गांवों में ग्रामीणों के बीच दहशत फैल गई है। वन विभाग ने हमले के स्थानों पर अधिक सतर्कता बढ़ा दी है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक वीकेएन अंबाडे के निर्देश पर वन विभाग की टीम ने इस हमलावर हाथी को पकड़ा।
मुआवजा और सुरक्षा के प्रयास
वन विभाग के एसीएस अशोक वर्णवाल ने पीड़ित परिवारों को 24 घंटे के भीतर मुआवजा राशि देने के निर्देश दिए हैं। वहीं, वन विभाग ने गांव के लोगों से सावधानी बरतने और किसी भी आपात स्थिति में वन विभाग को सूचित करने का आग्रह किया है।