गुवाहाटी: असम और अरुणाचल प्रदेश के जंगलों से 21 हाथियों को गुजरात के जामनगर स्थित रिलायंस द्वारा संचालित वंतरा पशु बचाव केंद्र में भेजे जाने के बाद पर्यावरण कार्यकर्ताओं और विपक्षी पार्टियों ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है। यह हाथी 3500 किलोमीटर का लंबा सफर तय कर रहे हैं, जिसे लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं।
सोमवार और रविवार को प्रसारित हुए वीडियो में हाथी अपने बाड़ों में अपनी सूंडें उठा रहे थे, जो गुवाहाटी से होते हुए गुजरात तक पहुंचे। वीडियो में दिखाया गया है कि ये हाथी अरुणाचल प्रदेश के नांमसाई जिले से असम और फिर अन्य राज्यों के रास्ते गुजरात के वंतरा केंद्र की ओर जा रहे थे। यह केंद्र रिलायंस समूह द्वारा चलाया जाता है और इसे राधे कृष्णा मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट द्वारा प्रबंधित किया जाता है, जिसका संचालन रिलायंस समूह के अनंत अंबानी के हाथों में है।
असम के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) विनय गुप्ता ने बताया कि इन हाथियों का ट्रांसफर अरुणाचल प्रदेश से उच्च शक्ति समिति की अनुमति से किया गया है। यह समिति त्रिपुरा उच्च न्यायालय द्वारा 2022 में बनाई गई थी और मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे पूरे देश में लागू किया।
वंतरा केंद्र के बयान में कहा गया कि ये हाथी अरुणाचल प्रदेश के अवैध लकड़ी कटाई उद्योग से बचाए गए थे और अब इन्हें उनके प्राकृतिक आवास जैसे वातावरण में भेजा जा रहा है। केंद्र का दावा है कि इन हाथियों को अब कभी भी श्रम के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा और उन्हें बिना जंजीरों के रखा जाएगा।