Delhi pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण स्तर में 29 अंकों की गिरावट आई है, लेकिन वायु गुणवत्ता अब भी ‘बेहद खराब’ (AQI 326) बनी हुई है। बीते दिन दिल्ली की हवा देश में सबसे प्रदूषित थी, जब AQI 355 दर्ज किया गया था। हालांकि, इस गिरावट के बावजूद दिल्ली आज प्रदूषण के मामले में दूसरे स्थान पर है।
देश के सबसे प्रदूषित शहर
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट (AQI 365) है। दिल्ली के बाद आसनसोल (AQI 309) तीसरे, चरखी दादरी (AQI 307) चौथे और सिंगरौली (AQI 304) पांचवें स्थान पर हैं।
‘बेहद खराब’ और ‘खराब’ हवा वाले शहर
देश में 5 शहरों में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ स्थिति में बनी हुई है, जबकि 32 शहरों में हवा ‘खराब’ स्तर पर है। इन शहरों में अहमदनगर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बागपत, बेगूसराय, भागलपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, लखनऊ, पटना, पूर्णिया आदि शामिल हैं।
हालांकि, राहत की बात यह है कि ‘खराब’ श्रेणी वाले शहरों की संख्या में 14% की कमी दर्ज की गई है।
देश में सबसे साफ हवा वाले शहर
वहीं, नागपट्टिनम (AQI 21) देश का सबसे स्वच्छ हवा वाला शहर है। इसके अलावा, हुबली, झांसी, मदिकेरी, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, शिवमोगा जैसे 18 शहरों की हवा ‘बेहतर’ स्थिति में बनी हुई है। हालांकि, स्वच्छ हवा वाले शहरों की संख्या में 10% की गिरावट देखी गई है।
मध्यम और संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहर
देश में 62 शहरों की वायु गुणवत्ता ‘संतोषजनक’ है। इनमें देहरादून, गाजियाबाद, जयपुर, लुधियाना, वाराणसी, रायपुर, उज्जैन जैसे शहर शामिल हैं। वहीं, 96 शहरों में हवा ‘मध्यम’ श्रेणी में बनी हुई है।
प्रमुख शहरों की वायु गुणवत्ता
- मुंबई: AQI 122 (मध्यम)
- लखनऊ: AQI 207 (खराब)
- पटना: AQI 241 (खराब)
- चंडीगढ़: AQI 196 (मध्यम)
- हैदराबाद: AQI 86 (संतोषजनक)
- नोएडा: AQI 183 (मध्यम)
- गुरुग्राम: AQI 228 (खराब)
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का अर्थ
- 0-50: बेहतर (साफ हवा)
- 51-100: संतोषजनक
- 101-200: मध्यम
- 201-300: खराब (स्वास्थ्य के लिए हानिकारक)
- 301-400: बेहद खराब (गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव)
- 401-500: गंभीर (स्वस्थ लोगों के लिए भी खतरनाक)
प्रदूषण के कारण और प्रभाव
दिल्ली और अन्य शहरों में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण वाहनों का धुआं, निर्माण कार्यों से उड़ने वाली धूल, पराली जलाना और औद्योगिक उत्सर्जन हैं।
स्वास्थ्य पर प्रभाव:
- श्वसन संबंधी बीमारियाँ: अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, एलर्जी आदि की संभावना बढ़ जाती है।
- आँखों और त्वचा में जलन: वायु प्रदूषण के कारण जलन, संक्रमण और खुजली हो सकती है।
- हृदय रोगों का खतरा: लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
बचाव के उपाय
- N95 मास्क पहनें और बाहर निकलने से बचें।
- घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
- बुजुर्गों और बच्चों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
- हवा की गुणवत्ता की जानकारी नियमित रूप से जांचें।