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दिल्ली में ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंचा वायु गुणवत्ता सूचकांक, मुंबई में भी धुंध से स्वास्थ्य पर खतरा

by reporter
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सोमवार सुबह दिल्ली में घना धुंध छाया रहा, जिससे राष्ट्रीय राजधानी की हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, सुबह 7 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 347 दर्ज किया गया, जो एक दिन पहले रविवार शाम 4 बजे 334 था। इस बढ़ते हुए प्रदूषण के चलते दिल्लीवासियों को सांस लेने में दिक्कतें हो रही हैं और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।

मुंबई में भी सोमवार सुबह धुंध दिखाई दी और यहां का AQI 140 दर्ज किया गया, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है। हालांकि दिल्ली के मुकाबले मुंबई का प्रदूषण स्तर कम है, लेकिन यहां भी लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

दिल्ली के प्रमुख इलाकों का AQI

  • जहांगीरपुरी: 409 (गंभीर)
  • बवाना: 400 (गंभीर)
  • पंजाबी बाग: 385 (बहुत खराब)
  • शादीपुर: 383 (बहुत खराब)
  • रोहिणी: 384 (बहुत खराब)
  • विवेक विहार: 372 (बहुत खराब)
  • आरके पुरम: 368 (बहुत खराब)

मुंबई के प्रमुख इलाकों का AQI

  • बोरीवली ईस्ट: 150 (मध्यम)
  • बायकुला: 206 (खराब)
  • देवनार: 237 (खराब)
  • मलाड वेस्ट: 186 (मध्यम)
  • वर्ली: 128 (मध्यम)

स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रभाव

बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली और मुंबई दोनों शहरों में लोगों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। अत्यधिक प्रदूषण से दिल्ली में सांस की समस्याएं, आंखों में जलन, और गले में खराश जैसे लक्षण बढ़ रहे हैं। बच्चों, बुजुर्गों, और फेफड़े व दिल की बीमारियों से पीड़ित लोगों पर इसका असर और गंभीर हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि वायु प्रदूषण का लंबे समय तक संपर्क में रहना फेफड़े, हृदय और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।

मुंबई में भी धुंध से दृश्यता कम हो गई है और यहां का मध्यम AQI बच्चों और बुजुर्गों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। प्रदूषण से न केवल मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है, बल्कि पर्यावरण और पेड़-पौधों की वृद्धि पर भी इसका गहरा असर होता है।

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बचाव और सुझाव

  • धुंध के समय बाहर निकलने से बचें, खासकर सुबह और शाम के दौरान।
  • मास्क का उपयोग करें और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
  • शारीरिक गतिविधियां घर के अंदर ही करें, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को।

वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार और नागरिकों को मिलकर प्रदूषण नियंत्रण के उपाय अपनाने होंगे और पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलानी होगी।

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