दिल्ली और एनसीआर में वायु गुणवत्ता थोड़ी सुधरी है लेकिन अब भी ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है। बुधवार को औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 419 रहा, जो मंगलवार के 444 से थोड़ा बेहतर था। सोमवार को AQI लगभग 500 तक पहुंच गया था, जो “गंभीर प्लस” श्रेणी में आता है। यह 2015 में ट्रैकिंग शुरू होने के बाद दूसरा सबसे खराब स्तर था।
प्रमुख स्थानों पर AQI
गुरुवार सुबह 6 बजे, दिल्ली के कई इलाकों में AQI गंभीर श्रेणी में रहा:
- आनंद विहार: 406
- अशोक विहार: 416
- बवाना: 419
- द्वारका सेक्टर-8: 404
- जहांगीरपुरी: 437
- मुंडका: 416
- नेहरू नगर: 410
क्या दिखा सुबह का हाल?
इंडिया गेट और कर्तव्य पथ जैसे इलाकों में सुबह हल्का धुंधलका (स्मॉग) छाया रहा। बावजूद इसके, लोग मॉर्निंग वॉक और जॉगिंग करते दिखे।
स्कूल बंद करने के नए नियम
केंद्र सरकार के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) में बदलाव किए हैं। अब GRAP के चरण 3 और 4 लागू होने पर दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को बंद करना अनिवार्य होगा। पहले यह फैसला राज्य सरकारों पर निर्भर था।
वायु प्रदूषण का पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभाव
- पर्यावरण पर प्रभाव:
- लंबे समय तक वायु प्रदूषण के कारण पेड़-पौधों की वृद्धि में कमी आती है।
- धुंध और प्रदूषक कण सूर्य की रोशनी को बाधित करते हैं, जिससे फसलों की उत्पादकता प्रभावित होती है।
- जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा मिलता है, जिससे सूखा, बाढ़ और गर्म हवाओं जैसी समस्याएं बढ़ती हैं।
- स्वास्थ्य पर प्रभाव:
- सांस की बीमारियां जैसे दमा, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों का संक्रमण बढ़ता है।
- दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
- कमजोर इम्यून सिस्टम वाले बच्चों और बुजुर्गों पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है।
- लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से कैंसर का खतरा भी हो सकता है।
क्या करें?
- मास्क का उपयोग करें।
- जितना हो सके, घर के अंदर रहें।
- घर में एयर प्यूरीफायर लगाएं।
- सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें और निजी वाहन का कम से कम प्रयोग करें।
निष्कर्ष
दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, जिसका असर पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों पर पड़ रहा है। इसे रोकने के लिए सरकार और जनता को मिलकर प्रयास करने होंगे।