दिल्ली और आसपास के इलाकों (नोएडा, गाज़ियाबाद, गुरुग्राम) में लोग आज सुबह धुंधभरी फिजा के साथ जागे। शुक्रवार, 22 नवंबर को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 373 दर्ज किया गया, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है।
9 जगहों पर ‘गंभीर’ स्थिति
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली के 38 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 9 ने “गंभीर” श्रेणी का AQI दर्ज किया। ये जगहें हैं:
- आनंद विहार
- बवाना
- जहांगीरपुरी
- मुंडका
- नेहरू नगर
- शादिपुर
- सोनिया विहार
- विवेक विहार
- वज़ीरपुर
AQI अगर 400 से ऊपर हो जाता है, तो इसे “गंभीर” माना जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।
हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार
गुरुवार को 24 घंटे का औसत AQI 371 दर्ज किया गया, जो बुधवार के 419 से थोड़ा बेहतर था। इसमें सुधार तेज हवाओं की वजह से हुआ। हालांकि, दिल्ली अब भी देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है। बिहार के हाजीपुर ने AQI 403 के साथ सबसे प्रदूषित शहर का दर्जा हासिल किया।
इससे पहले सोमवार और मंगलवार को दिल्ली का AQI 450 से ऊपर पहुंच गया था, जो “गंभीर प्लस” श्रेणी में आता है।
केंद्र सरकार का बड़ा कदम: बदले ऑफिस के समय
प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए स्टैगरड वर्किंग आवर्स (विभिन्न समय पर काम शुरू करना) की घोषणा की है।
- अब कर्मचारी 9:00 AM से 5:30 PM या 10:00 AM से 6:30 PM तक काम कर सकते हैं।
- कर्मचारियों को कारपूलिंग और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के उपयोग की सलाह दी गई है ताकि गाड़ियों से होने वाला प्रदूषण कम किया जा सके।
पर्यावरण और स्वास्थ्य पर असर
- स्वास्थ्य पर प्रभाव:
- “बहुत खराब” और “गंभीर” वायु गुणवत्ता से बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और दिल व फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित लोगों पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है।
- सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश, आंखों में जलन, खांसी और दमा के मरीजों के लिए हालात और खराब हो सकते हैं।
- लंबे समय तक इस हवा में रहने से फेफड़े खराब हो सकते हैं और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
- पर्यावरण पर प्रभाव:
- प्रदूषित हवा में धूलकण और गैसें पौधों की ग्रोथ को प्रभावित करती हैं।
- हवा में मौजूद हानिकारक रसायन मिट्टी और पानी को भी प्रदूषित करते हैं।
- जानवर और पक्षी भी प्रदूषण की वजह से बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
समाधान क्या हो सकता है?
- सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग।
- कचरा जलाने पर सख्त रोक।
- हरियाली बढ़ाने के लिए पेड़ लगाना।
- औद्योगिक प्रदूषण पर नियंत्रण।
- इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना।
दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र को प्रदूषण से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास और जागरूकता बेहद जरूरी है।