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भारत में वायु प्रदूषण की स्थिति: छोटे शहरों में बढ़ता संकट

by kishanchaubey
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Air Pollution

19 मार्च 2025 को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मेघालय के बर्नीहाट में वायु प्रदूषण सबसे अधिक दर्ज किया गया, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बढ़कर 358 तक पहुंच गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों के अनुसार यह स्तर करीब 24 गुना अधिक है, जो गंभीर चिंता का विषय है।

छोटे शहरों की स्थिति ज्यादा खराब

नयागढ़ (ओडिशा): यहां AQI 311 दर्ज किया गया, जो WHO मानकों से 21 गुना खराब है।
कुंजेमुरा (छत्तीसगढ़): AQI 254 के साथ कुंजेमुरा तीसरे स्थान पर रहा।
नलबाड़ी (असम): AQI 244 के साथ नलबाड़ी चौथे स्थान पर रहा।
बारबिल (ओडिशा): बारबिल में AQI 242 दर्ज किया गया।

दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) और बिलीपाड़ा (ओडिशा) क्रमशः छठे और सातवें स्थान पर रहे। वहीं, गाजियाबाद, गुवाहाटी और राउरकेला क्रमशः आठवें, नौवें और दसवें स्थान पर बने रहे।

छोटे शहरों में प्रदूषण की भयावह स्थिति

आंकड़ों से साफ है कि छोटे शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर बड़े शहरों की तुलना में कहीं अधिक खराब हो रहा है।

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18 मार्च 2025 को:

  • सबसे खराब स्थिति अंगुल (ओडिशा) में थी, जहां AQI 269 दर्ज किया गया था।
  • उस दिन देश में ‘बेहद खराब’ श्रेणी में कोई भी शहर नहीं था, लेकिन 19 मार्च को बर्नीहाट और नयागढ़ इस श्रेणी में आ गए।

राजधानी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा

दिल्ली का AQI:
18 मार्च को दिल्ली का AQI 145 था, जो 19 मार्च को बढ़कर 160 हो गया। हालांकि यह अभी भी ‘मध्यम’ श्रेणी (101-200) में है।

फरीदाबाद की स्थिति:
फरीदाबाद में 4 अंकों की वृद्धि के साथ AQI 86 दर्ज किया गया, जो अभी भी ‘संतोषजनक’ श्रेणी में है।

देशभर में वायु गुणवत्ता की स्थिति

साफ हवा वाले शहर:
27 शहरों में हवा ‘बेहतर’ (0-50) रही। इनमें पालकालाइपेरुर (AQI 19), ऋषिकेश, मदुरै, पुदुचेरी, उज्जैन और अन्य शहर शामिल हैं।

संतोषजनक श्रेणी:
113 शहरों में AQI 51-100 के बीच रहा। इसमें फरीदाबाद, मुंबई, लखनऊ, जयपुर, पुणे, सूरत और पटियाला जैसे शहर शामिल हैं।

मध्यम श्रेणी:
82 शहरों में वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ (101-200) रही। इसमें दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, पटना, रायपुर और राउरकेला शामिल हैं।

खराब वायु गुणवत्ता:
6 शहरों में हवा ‘खराब’ (201-300) रही, जिनमें बर्नीहाट और नयागढ़ जैसे शहर शामिल हैं।

देश के सबसे प्रदूषित शहर

बर्नीहाट (358) – सबसे प्रदूषित शहर
नयागढ़ (311) – दूसरा स्थान
कुंजेमुरा (254) – तीसरा स्थान
नलबाड़ी (244) – चौथा स्थान
बारबिल (242) – पांचवा स्थान

दिल्ली की वायु गुणवत्ता का हाल

जनवरी-फरवरी 2025:
इन दो महीनों में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ रही हो।

नवंबर और दिसंबर 2024:

  • 8 दिन नवंबर में और 6 दिन दिसंबर में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई।
  • इन दिनों हवा इतनी खराब थी कि लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देश में वायु गुणवत्ता के बदलते रुझान

खराब हवा वाले शहरों की संख्या:
18 मार्च 2025 को खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या 25% कम थी, लेकिन 19 मार्च को इसमें फिर वृद्धि हुई।

साफ हवा वाले शहरों की गिनती:
23% की वृद्धि के साथ साफ हवा वाले शहरों की संख्या बढ़ी।

मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहर:
17% की वृद्धि के साथ मध्यम श्रेणी में आने वाले शहरों की संख्या बढ़ी।

संतोषजनक हवा वाले शहर:
संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 14% की गिरावट आई।

वायु गुणवत्ता के आंकड़ों का विश्लेषण

0-50: बेहतर (Clean Air)
51-100: संतोषजनक (Satisfactory)
101-200: मध्यम (Moderate)
201-300: खराब (Poor)
301-400: बेहद खराब (Very Poor)
401-500: गंभीर (Severe)

प्रदूषण से निपटने के लिए सुझाव

हीट एक्शन प्लान:
प्रत्येक राज्य और शहर को ‘हीट एक्शन प्लान’ अपनाना चाहिए ताकि प्रदूषण और बढ़ती गर्मी से बचाव हो सके।

वायु गुणवत्ता निगरानी:
रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करना आवश्यक है ताकि समय रहते चेतावनी जारी की जा सके।

वृक्षारोपण और हरित पट्टी:
शहरी क्षेत्रों में हरित पट्टी और वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जाए ताकि वायु प्रदूषण को कम किया जा सके।

औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण:
सख्त पर्यावरण नियमों को लागू करके औद्योगिक क्षेत्रों में पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखा जाए।

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