Air Pollution: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के 16 अप्रैल 2025 के आंकड़ों के अनुसार, देश के छोटे शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति बड़े शहरों से भी बदतर हो गई है। राजस्थान के बांसवाड़ा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 को पार कर गया, जो देश में सबसे प्रदूषित शहर बन गया। मेघालय के बर्नीहाट (एक्यूआई 281) और गुरूग्राम (एक्यूआई 257) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
दिल्ली में भी प्रदूषण में 40 अंकों की बढ़ोतरी के साथ एक्यूआई 220 पर पहुंच गया, जो मध्यम से खराब श्रेणी में आता है।
छोटे शहरों में बढ़ता प्रदूषण का कहर
सीपीसीबी के आंकड़ों से पता चलता है कि प्रदूषण अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि छोटे शहर और कस्बे भी इसकी चपेट में आ गए हैं। बांसवाड़ा में एक्यूआई 302 के आसपास पहुंचने से हवा में घुला जहर स्वास्थ्य के लिए खतरनाक स्तर पर है। मेघालय का बर्नीहाट, जो कल सबसे प्रदूषित था (एक्यूआई 305), आज दूसरे स्थान पर है। गुरूग्राम, दिल्ली, और सवाई माधोपुर (एक्यूआई 202) भी खराब वायु गुणवत्ता की श्रेणी में हैं।
देश के टॉप 10 सबसे प्रदूषित शहरों में भिवाड़ी (एक्यूआई 200), गाजियाबाद (198), बद्दी (192), श्रीगंगानगर (187), और नोएडा (186) शामिल हैं। इन शहरों में हवा की गुणवत्ता खराब होने से सांस की बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ गया है।
कहां साफ रही हवा?
वहीं, पंजाब के रूपनगर में देश की सबसे साफ हवा दर्ज की गई, जहां एक्यूआई मात्र 15 रहा। यह बांसवाड़ा की तुलना में 19 गुना बेहतर है। इसके अलावा, चामराजनगर, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मीरा-भायंदर, नगांव, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, शिलांग, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, वापी, और विरार सहित 26 शहरों में एक्यूआई 50 या उससे कम रहा, जो ‘बेहतर’ श्रेणी में आता है। कल की तुलना में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 4% की वृद्धि हुई है।
संतोषजनक और मध्यम वायु गुणवत्ता
देश के 129 शहरों, जैसे अगरतला, कोलकाता, कोरबा, मदुरै, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, और ऋषिकेश में वायु गुणवत्ता ‘संतोषजनक’ (एक्यूआई 51-100) रही। इन शहरों की संख्या में कल की तुलना में 13% से अधिक की वृद्धि हुई है। वहीं, 71 शहरों, जिनमें भोपाल, चंडीगढ़, देहरादून, ग्वालियर, जयपुर, लखनऊ, और मेरठ शामिल हैं, में वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ (एक्यूआई 101-200) रही। हालांकि, मध्यम श्रेणी वाले शहरों की संख्या में 7% की कमी आई है।
दिल्ली में बिगड़ते हालात
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। 16 अप्रैल को एक्यूआई 220 दर्ज किया गया, जो मध्यम से खराब श्रेणी में आता है। पिछले तीन महीनों (जनवरी-मार्च 2025) में दिल्ली की हवा एक भी दिन ‘बेहतर’ नहीं रही। नवंबर 2024 में 8 दिन और दिसंबर 2024 में 6 दिन वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में थी, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया था। आज दिल्ली चौथे सबसे प्रदूषित शहर के रूप में दर्ज की गई।
अन्य प्रमुख शहरों की स्थिति
- मुंबई: एक्यूआई 69 (संतोषजनक)
- लखनऊ: एक्यूआई 139 (मध्यम)
- चेन्नई: एक्यूआई 50 (बेहतर)
- चंडीगढ़: एक्यूआई 123 (मध्यम)
- हैदराबाद: एक्यूआई 69 (संतोषजनक)
- जयपुर: एक्यूआई 125 (मध्यम)
- पटना: एक्यूआई 93 (संतोषजनक)
- ग्वालियर: एक्यूआई 168 (मध्यम)
- गुवाहाटी: एक्यूआई 80 (संतोषजनक)
वायु गुणवत्ता सूचकांक क्या दर्शाता है?
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) हवा में प्रदूषण के स्तर को मापने का पैमाना है:
- 0-50: बेहतर (साफ हवा, स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित)
- 51-100: संतोषजनक (हल्का प्रदूषण, संवेदनशील लोगों के लिए सावधानी)
- 101-200: मध्यम (स्वास्थ्य पर मध्यम प्रभाव, संवेदनशील समूहों के लिए जोखिम)
- 201-300: खराब (सांस की समस्याएं, लंबे समय तक जोखिम से गंभीर नुकसान)
- 301-400: बहुत खराब (गंभीर स्वास्थ्य जोखिम, लंबे समय तक नुकसान)
- 401-500: गंभीर (स्वस्थ लोगों के लिए भी खतरनाक, बीमार लोगों के लिए जानलेवा)
विश्लेषण और चिंताएं
सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, देश के 231 शहरों में से केवल 11% में हवा ‘बेहतर’ है, 56% में ‘संतोषजनक’, और 33% में प्रदूषण के कारण हालात खराब हैं। छोटे शहरों में बढ़ता प्रदूषण चिंता का विषय है, क्योंकि ये क्षेत्र पहले अपेक्षाकृत स्वच्छ माने जाते थे। बांसवाड़ा, बर्नीहाट, और सवाई माधोपुर जैसे शहरों में प्रदूषण का स्तर स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन गया है।
सरकारी कदम और सुझाव
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए विशेषज्ञ स्थानीय प्रशासन से औद्योगिक उत्सर्जन, वाहन प्रदूषण, और निर्माण गतिविधियों पर सख्त नियंत्रण की मांग कर रहे हैं। लोगों को मास्क पहनने, घर के अंदर रहने, और संवेदनशील समूहों (बच्चे, बुजुर्ग, और बीमार) को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।