मध्यप्रदेश में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, और वायु गुणवत्ता (Air Quality Index – AQI) बेहद खराब स्थिति में पहुंच चुकी है। प्रदेश के प्रमुख शहरों की हवा इस कदर जहरीली हो चुकी है कि यह दिनभर में पांच से ज्यादा सिगरेट पीने जितना नुकसान पहुंचा रही है। प्रदेश का औसत AQI 200 के पार हो गया है।
भोपाल और अन्य शहरों की खराब हवा
राजधानी भोपाल में हालात इतने खराब हो गए हैं कि नगर निगम को दिन में चार बार सड़कों पर पानी का छिड़काव करना पड़ रहा है ताकि धूल और प्रदूषित कणों को नियंत्रित किया जा सके। मंगलवार, 17 दिसंबर को भोपाल का AQI 266 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
- इंदौर: आर्थिक राजधानी इंदौर का AQI भी 226 के हानिकारक स्तर पर पहुंच गया।
- उज्जैन: धार्मिक नगरी उज्जैन में AQI 166 दर्ज हुआ।
- जबलपुर: संस्कारधानी जबलपुर में वायु गुणवत्ता 175 पर रही।
- ग्वालियर: यहां AQI 252 तक पहुंच गया, जो बेहद खतरनाक स्थिति को दर्शाता है।
सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर
- भोपाल: प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर, AQI 266।
- मंडीदीप (रायसेन): भोपाल से सटा यह औद्योगिक क्षेत्र 260 AQI के साथ दूसरे स्थान पर है।
- ग्वालियर: तीसरे स्थान पर, AQI 252।
भोपाल में लगातार बिगड़ते हालात को देखते हुए नगर निगम ने कदम उठाए हैं, लेकिन प्रदूषण का स्तर अब भी नियंत्रण से बाहर है।
देश की राजधानी नई दिल्ली के हालात और खराब
नई दिल्ली में वायु गुणवत्ता ने मंगलवार को 250 के नीचे सुधार दिखाया था, लेकिन रात होते-होते यह फिर बिगड़कर 499 के स्तर पर पहुंच गई, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आती है। न्यूनतम AQI 462 भी दर्ज किया गया।
नई दिल्ली ने अब दुनियाभर के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में चौथा स्थान हासिल कर लिया है।
प्रदूषण का असर और समाधान
प्रदूषण से स्वास्थ्य पर असर:
- लगातार खराब हवा में सांस लेने से फेफड़ों और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
- बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह स्थिति और अधिक खतरनाक है।
प्रदूषण रोकने के उपाय:
- पानी का छिड़काव: नगर निगम द्वारा किए जा रहे छिड़काव को और प्रभावी बनाना।
- वाहनों का नियंत्रण: ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्ती।
- उद्योगों की निगरानी: मंडीदीप और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में उत्सर्जन को नियंत्रित करना।
- हरियाली बढ़ाना: शहरों में अधिक पेड़ लगाना।