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जैसलमेर में हवा सबसे ज्यादा जहरीली, AQI 344 पर पहुंचा; राजस्थान के शहरों का प्रदूषण में दबदबा

by kishanchaubey
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राजस्थान का जैसलमेर शहर देश में वायु प्रदूषण के मामले में सबसे खराब स्थिति में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के 28 मई 2025 के आंकड़ों के अनुसार, जैसलमेर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 344 तक पहुंच गया है, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। यह स्तर इतना खतरनाक है कि स्वस्थ लोगों को भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। विश्लेषण से पता चला है कि जैसलमेर की हवा मिजोरम के आइजोल की तुलना में 22 गुना अधिक प्रदूषित है, जहां AQI केवल 15 दर्ज किया गया।

देश में प्रदूषण की स्थिति सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, देश के 30% शहरों में हवा साफ है, 49% में संतोषजनक, जबकि 22% शहरों में प्रदूषण चिंताजनक स्तर पर है। सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में राजस्थान के शहरों का दबदबा है। जैसलमेर पहले, बाड़मेर (AQI 232) दूसरे और झुंझुनूं (AQI 216) तीसरे स्थान पर हैं। शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहरों में राजस्थान के पांच शहर शामिल हैं। इसके अलावा, देश के दो शहरों में ‘खराब’ श्रेणी की वायु गुणवत्ता दर्ज की गई, और दोनों ही राजस्थान के हैं।

अन्य प्रदूषित शहर शीर्ष 10 प्रदूषित शहरों में क्योंझर (AQI 195) चौथे, ब्रजराजनगर (AQI 180) पांचवें, मेघालय का बर्नीहाट (AQI 177) छठे, रानीपेट (AQI 169) सातवें, पाली (AQI 167) आठवें, जालौर (AQI 163) नौवें और दिल्ली (AQI 151) दसवें स्थान पर हैं। दिल्ली में लगातार तीसरे दिन प्रदूषण में वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन यह अभी ‘मध्यम’ श्रेणी में है।

साफ हवा वाले शहर देश के 62 शहरों में हवा ‘बेहतर’ (AQI 0-50) रही, जिनमें अगरतला, आइजोल, कोयंबटूर, कोलकाता, गुवाहाटी, मैसूर, पुदुचेरी, सूरत और तिरुवनंतपुरम शामिल हैं। हालांकि, पिछले दिन की तुलना में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 16% की कमी आई है। 102 शहरों में वायु गुणवत्ता ‘संतोषजनक’ (AQI 51-100) रही, जिनमें मुंबई, पुणे, नागपुर, पटना, और वाराणसी जैसे शहर शामिल हैं। संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ।

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प्रदूषण के कारण आंकड़ों के मुताबिक, जैसलमेर, बाड़मेर, पाली, जालौर और उदयपुर जैसे शहरों में PM10 (मोटे कण) प्रमुख प्रदूषक रहे, जबकि ब्रजराजनगर और रानीपेट में PM2.5 के कारण हालात चिंताजनक हैं। झुंझुनूं और दिल्ली में ओजोन प्रदूषण ने स्थिति को और गंभीर बनाया।

दिल्ली की स्थिति दिल्ली में AQI 151 पर पहुंचा, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में है। पिछले चार महीनों (जनवरी-अप्रैल 2025) में एक भी दिन ऐसा नहीं था जब दिल्ली की हवा साफ रही हो। नवंबर 2024 में आठ दिन और दिसंबर 2024 में छह दिन दिल्ली में AQI ‘गंभीर’ स्तर पर रहा, जिससे सांस लेना भी मुश्किल हो गया था।

वायु गुणवत्ता सूचकांक का मतलब

  • 0-50 (बेहतर): हवा साफ, स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित।
  • 51-100 (संतोषजनक): मामूली स्वास्थ्य जोखिम।
  • 101-200 (मध्यम): संवेदनशील लोगों को परेशानी।
  • 201-300 (खराब): श्वसन और हृदय संबंधी समस्याएं।
  • 301-400 (बेहद खराब): गंभीर स्वास्थ्य जोखिम।
  • 401-500 (गंभीर): स्वस्थ लोगों के लिए भी खतरनाक, बीमारों के लिए जानलेवा।

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