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छोटे शहरों में बिगड़ रही हवा की गुणवत्ता: बागपत सबसे प्रदूषित, दिल्ली में मामूली सुधार

by kishanchaubey
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Baghpat most polluted

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के 17 अप्रैल 2025 के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों की तुलना में देश के छोटे शहरों में हवा की गुणवत्ता ज्यादा खराब हो रही है। उत्तर प्रदेश का बागपत देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 297 दर्ज किया गया। यह स्थिति चिंताजनक है और छोटे शहरों में बढ़ते प्रदूषण की ओर इशारा करती है।

देश के सबसे प्रदूषित शहर

सीपीसीबी के मुताबिक, मेघालय का बर्नीहाट (AQI 227) दूसरे और बिहार का राजगीर (AQI 224) तीसरे स्थान पर है। राजस्थान का भिवाड़ी (AQI 218) चौथे, श्रीगंगानगर (AQI 214) पांचवें, और बिहार का किशनगंज (AQI 209) छठे स्थान पर है। इसके अलावा हनुमानगढ़, मेरठ, और हिमाचल प्रदेश का बद्दी भी टॉप 10 प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पिछले दिन की तुलना में थोड़ा कम हुआ है। AQI में 16 अंकों का सुधार हुआ और यह 204 पर पहुंच गया, लेकिन हवा अभी भी ‘खराब’ श्रेणी में है। फरीदाबाद के आंकड़े सीपीसीबी ने साझा नहीं किए, जिससे वहां की स्थिति स्पष्ट नहीं है।

कहां साफ रही हवा?

पंजाब का रूपनगर देश में सबसे साफ हवा वाला शहर रहा, जहां AQI केवल 15 दर्ज किया गया। बागपत की तुलना में रूपनगर की हवा 19 गुना बेहतर है। इसके अलावा अगरतला, आइजोल, पुदुचेरी, शिलांग, सूरत, और मैसूर जैसे 35 अन्य शहरों में भी हवा ‘बेहतर’ (AQI 0-50) रही। अच्छी खबर यह है कि साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 39% की बढ़ोतरी हुई है।

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संतोषजनक और मध्यम हवा वाले शहर

देश के 121 शहरों में हवा ‘संतोषजनक’ (AQI 51-100) रही, जिनमें आगरा, मुंबई, हैदराबाद, पुणे, कोलकाता, इंदौर, और जोधपुर शामिल हैं। हालांकि, इन शहरों की संख्या में 6% की कमी आई है। वहीं, 71 शहरों जैसे गोरखपुर, लखनऊ, जयपुर, पटना, भोपाल, और गुड़गांव में हवा ‘मध्यम’ (AQI 101-200) रही, और इनकी संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ।

प्रदूषण का स्तर और स्वास्थ्य जोखिम

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) हवा की साफ-सफाई को मापने का पैमाना है:

  • 0-50 (बेहतर): हवा साफ, कोई स्वास्थ्य जोखिम नहीं।
  • 51-100 (संतोषजनक): हवा ठीक, मामूली जोखिम।
  • 101-200 (मध्यम): कुछ लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
  • 201-300 (खराब): सांस के मरीजों और बच्चों के लिए खतरनाक।
  • 301-400 (बेहद खराब): लंबे समय तक नुकसान, सभी के लिए खतरा।
  • 401-500 (गंभीर): स्वस्थ लोगों को भी नुकसान, बीमारों के लिए जानलेवा।

बागपत का AQI 297 ‘खराब’ श्रेणी में है, जो सांस की बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकता है। पिछले साल दिसंबर 2024 में दिल्ली में 6 दिन और नवंबर में 8 दिन AQI ‘गंभीर’ रहा, जब सांस लेना तक मुश्किल हो गया था। जनवरी-मार्च 2025 में दिल्ली की हवा एक भी दिन साफ नहीं रही।

प्रदूषण के कारण और उपाय

छोटे शहरों में बढ़ता प्रदूषण वाहनों, औद्योगिक उत्सर्जन, निर्माण कार्य, और कृषि अवशेष जलाने जैसे कारणों से हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके लिए जरूरी है:

  • वाहन उत्सर्जन नियंत्रण: इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना।
  • औद्योगिक नियम: कारखानों में प्रदूषण नियंत्रण उपकरण लगाना।
  • जागरूकता: लोगों को प्रदूषण कम करने के लिए प्रेरित करना।
  • हरियाली: ज्यादा पेड़ लगाकर हवा को साफ करना।

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