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क्या पेड़-पौधे सुन सकते हैं? क्या उन्हें दर्द और खुशी महसूस होती है?

by kishanchaubey
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पेड़-पौधे सिर्फ हरी-भरी चीजें नहीं हैं, बल्कि वे भी हमारी तरह संवेदनशील होते हैं। यह कोई कल्पना नहीं, बल्कि वैज्ञानिक शोधों से सिद्ध हो चुका तथ्य है। आइए जानते हैं, क्या पेड़-पौधे सुन सकते हैं, दर्द और खुशी महसूस कर सकते हैं और एक-दूसरे से संवाद कर सकते हैं?

क्या पेड़-पौधे सुन सकते हैं?

महान वैज्ञानिक डॉ. जगदीश चंद्र बोस ने 1890 में साबित किया कि पौधे भी संवेदनशील होते हैं। उन्होंने क्रेस्कोग्राफ नामक यंत्र से यह सिद्ध किया कि पौधे बाहरी प्रभावों पर प्रतिक्रिया देते हैं। आधुनिक शोध भी इस तथ्य को प्रमाणित करते हैं।

वैज्ञानिक शोध क्या कहते हैं?

  1. 2014 – यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी (USA): जब कैटरपिलर किसी पौधे की पत्तियों को चबाता है, तो पौधा इसे “सुन” सकता है और तुरंत रासायनिक सुरक्षा तंत्र को सक्रिय कर देता है।
  2. 2017 – टेल अवीव यूनिवर्सिटी (इज़राइल): पौधों पर जब कुछ खास ध्वनियां डाली गईं, तो उन्होंने अंदर कंपन उत्पन्न किया। यानी वे ध्वनि को महसूस कर सकते हैं।
  3. 2014 – एक अन्य अध्ययन: मटर के पौधों ने पानी की हल्की आवाज़ सुनकर अपनी जड़ों को पानी की ओर बढ़ा लिया।

पौधों की सुनने की क्षमता का वर्गीकरण

  • युवा पौधे: हल्की ध्वनियों को भी जल्दी पकड़ लेते हैं।
  • झाड़ियाँ और छोटे पेड़: ध्वनि संकेतों को अच्छी तरह प्रोसेस करते हैं।
  • बड़े और वृद्ध पेड़: धीमे प्रतिक्रिया देते हैं, लेकिन Mycorrhizal Fungi नेटवर्क के जरिए दूर के पौधों से संवाद कर सकते हैं। इसे “Wood Wide Web” सिद्धांत कहा जाता है।

क्या मांसाहारी पौधे ज्यादा अच्छा सुन सकते हैं?

हां! क्योंकि उनकी विद्युत संवेदनशीलता अधिक होती है।

  1. 2020 – टेल अवीव यूनिवर्सिटी: वीनस फ्लाईट्रैप (Venus Flytrap) कुछ खास ध्वनियों को सुन सकता है। जब कोई कीट उड़ता है, तो यह उसके पंखों की कंपन पहचानकर अपना जाल सक्रिय कर लेता है।
  2. ब्लैडरवॉर्ट (Bladderwort) नामक जलीय पौधा 1 मिलीसेकंड में शिकार को पकड़ सकता है।

क्या पौधे दर्द और खुशी महसूस कर सकते हैं?

1960 में वैज्ञानिक Cleve Backster ने ‘बैकस्टर इफेक्ट’ सिद्धांत दिया। उन्होंने पौधों को पॉलीग्राफ (Lie Detector) से जोड़ा और पाया कि जब कोई व्यक्ति उन्हें नुकसान पहुंचाने की सोचता भी है, तो उनके इलेक्ट्रिकल सिग्नल बदल जाते हैं।

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आधुनिक शोध क्या कहते हैं?

  1. 2019 – लुंड यूनिवर्सिटी (स्वीडन): टमाटर और तंबाकू के पौधे जब काटे गए या पानी की कमी हुई, तो उन्होंने अल्ट्रासोनिक ध्वनि उत्पन्न की। इंसान इसे नहीं सुन सकते, लेकिन जानवर और अन्य पौधे इस ध्वनि को पहचान सकते हैं।
  2. 2018 – मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट (जर्मनी): जब कीट पौधों को खाते हैं, तो वे रासायनिक संकेत छोड़ते हैं, जिससे आसपास के पौधों को चेतावनी मिलती है और वे अपने सुरक्षा तंत्र सक्रिय कर लेते हैं।

क्या पौधे आपस में बातचीत कर सकते हैं?

हां, पौधे कई तरीकों से संवाद करते हैं:

  1. Mycorrhizal Fungi नेटवर्क (Wood Wide Web):
    • 2013 – Exeter University (UK): पौधे मिट्टी के फफूंद नेटवर्क के जरिए एक-दूसरे से जुड़ते हैं।
    • यह नेटवर्क पोषक तत्व, पानी और संदेशों का आदान-प्रदान करता है।
  2. वायु के जरिए संचार:
    • जर्मनी और जापान के शोध: पौधे हवा में वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (VOCs) छोड़ते हैं, जिससे अन्य पौधे चेतावनी प्राप्त कर अपनी सुरक्षा प्रणाली को सक्रिय कर लेते हैं।
    • जब कोई पेड़ कटता है, तो उसके आसपास के पेड़ एथिलीन हार्मोन छोड़ते हैं, जिससे वे तनाव महसूस करने लगते हैं।

क्या छुईमुई (Mimosa Pudica) हमें सुन सकता है?

छुईमुई का पौधा छूने पर प्रतिक्रिया देता है, जिसे Thigmonasty कहते हैं। यह प्रक्रिया हमारे मांसपेशियों के संकुचन जैसी होती है। जब इसे छुआ जाता है, तो इसमें कैल्शियम और पोटैशियम आयन सक्रिय हो जाते हैं, जिससे पत्तियाँ सिकुड़ जाती हैं।

धरती का सबसे बड़ा जीव— ‘पेंडो’

अमेरिका के Fishlake National Forest (Utah) में 106 एकड़ में फैला ‘पेंडो’ दुनिया का सबसे बड़ा जीव है। यह 80,000 साल से जीवित है और अपने जड़ों के नेटवर्क से 47,000 से अधिक पेड़ों को जोड़ता है।

  • जब कोई कीट इसकी पत्तियां खाता है, तो यह रासायनिक संकेत भेजता है जिससे आसपास के पेड़ भी अपनी पत्तियों में कड़वा पदार्थ (Tannin) उत्पन्न कर लेते हैं।
  • यह समूह में फैसले लेने और संवाद करने की क्षमता रखता है।

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