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NGT का सख्त निर्देश: 25 फरवरी तक यमुना में गिरने वाले 24 नालों की सफाई सुनिश्चित करें

by kishanchaubey
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NGT: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वे 25 फरवरी 2025 तक यमुना नदी में गिरने वाले 24 नालों की सफाई पूरी करें। इस मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी 2025 को होगी, जिसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव को वर्चुअल रूप से उपस्थित रहने और सफाई कार्य की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।

यमुना सफाई अभियान: किन नालों की हो रही सफाई?

यह मामला दिल्ली सीमा के 24 प्रमुख नालों की सफाई से जुड़ा है, जिनमें प्रमुख रूप से सोनिया विहार, नजफगढ़, शाहदरा, बारापुला और तुगलकाबाद के नाले शामिल हैं।

सफाई कार्य में देरी से बढ़ेगी समस्या

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग (I&FCD) ने 20 फरवरी 2025 को अदालत में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें गाद हटाने की दिशा में हुई प्रगति और आगे के लक्ष्यों का जिक्र किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, यदि यह कार्य समय पर पूरा नहीं हुआ, तो मानसून में बाढ़ और जलभराव की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

अदालत का सख्त रुख

एनजीटी की बेंच, जिसमें न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल शामिल हैं, ने स्पष्ट किया कि गाद हटाने का कार्य तय समयसीमा में पूरा होना अनिवार्य है। पिछले मानसून में जलभराव से लाखों लोगों को नुकसान उठाना पड़ा था, और इस बार भी देरी से स्थिति बिगड़ सकती है।

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बकिंघम नहर प्रदूषण मामला: तमिलनाडु प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट

चेन्नई, 19 फरवरी 2025: तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (TNPCB) ने एनजीटी को सूचित किया है कि बकिंघम नहर की सफाई के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 9 अक्टूबर 2024 को चेपक स्थित MRTS रेलवे स्टेशन के पास 500 मीटर लंबे क्षेत्र का निरीक्षण किया गया

सफाई अभियान के सकारात्मक नतीजे

निरीक्षण में पाया गया कि नहर में पानी अवरुद्ध नहीं था और वह स्वतंत्र रूप से बह रहा था। साथ ही, प्लास्टिक और अन्य कचरा नहर में नहीं मिला। स्थानीय नागरिकों के अनुसार, ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने 7 अक्टूबर 2024 को इस हिस्से की सफाई की थी और अब यह सफाई हर महीने दो बार की जा रही है।

कैसे शुरू हुआ मामला?

यह केस 19 जनवरी 2024 को ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित एक खबर के आधार पर अदालत द्वारा स्वतः संज्ञान में लिया गया था। इस रिपोर्ट में नहर में जमा कचरा और सीवेज की गंभीर स्थिति को उजागर किया गया था।

गंगा प्रदूषण रोकने के लिए यूपी में उद्योगों पर सख्त नजर

उत्तर प्रदेश, 10 फरवरी 2025: गंगा नदी में प्रदूषण रोकने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसमें बताया गया कि 1,370 प्रदूषणकारी उद्योगों, 36 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स और 8 सामान्य अपशिष्ट उपचार इकाइयों का निरीक्षण किया गया है।

CPCB की जांच रिपोर्ट: क्या निकले नतीजे?

CPCB ने 26 अगस्त 2022 से 30 नवंबर 2024 के बीच 1,391 निरीक्षण पूरे किए। इसमें:

  • 62 जिलों में 1,347 उद्योगों का निरीक्षण किया गया।
  • 10 जिलों में 36 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की जांच की गई।
  • 5 जिलों में 8 क्रोम रिकवरी यूनिट्स का निरीक्षण हुआ।

प्रदूषणकारी उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई

निरीक्षण में 145 उद्योगों की निगरानी की गई, जिनमें:

  • 76 उद्योग कार्यरत थे, जबकि 69 बंद मिले
  • 34 उद्योगों ने पर्यावरण नियमों का पालन किया
  • 40 उद्योगों ने नियमों का उल्लंघन किया
  • 2 इकाइयां सूखी मिलीं, जिन्हें दोबारा जांचने का निर्देश दिया गया
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