क्या आप जानते हैं कि भारत में मौजूद पीटलैंड (Peatland) का केवल 1.3% हिस्सा ही संरक्षित क्षेत्रों के अंतर्गत आता है? इसका मतलब है कि ये कार्बन-समृद्ध आद्रभूमियां (Wetlands) मानवीय लापरवाही और अतिक्रमण का शिकार हो रही हैं।
एक नए अध्ययन के अनुसार, भारत में पीटलैंड का विस्तार 40,581 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ है, लेकिन इनमें से केवल 536 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र ही संरक्षित है। इससे यह साफ होता है कि देश में महज दो फीसदी पीटलैंड को ही संरक्षण मिला हुआ है।
क्या है पीटलैंड और क्यों हैं ये महत्वपूर्ण?
पीटलैंड वे दलदली आद्रभूमियां होती हैं, जहां मृत पौधे, मुख्य रूप से काई (Moss), धीरे-धीरे जलभराव के कारण पीट (Peat) की मोटी परतों में बदल जाते हैं। ये प्राकृतिक कार्बन सिंक (Carbon Sink) के रूप में काम करते हैं और भारी मात्रा में कार्बन जमा करते हैं। यह जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने और जैवविविधता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
- कार्बन संरक्षण: पीटलैंड भूमि का केवल 3% हिस्सा कवर करते हैं, लेकिन यह दुनिया के 60,000 करोड़ टन कार्बन को संजोए हुए हैं, जो जंगलों की तुलना में भी ज्यादा है।
- जल संतुलन: ये प्राकृतिक जलाशय के रूप में काम करते हैं, जिससे बाढ़ को नियंत्रित किया जा सकता है।
- वन्यजीवों का संरक्षण: कई दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियां पीटलैंड पर निर्भर रहती हैं।
वैश्विक स्तर पर पीटलैंड का संकट
अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि दुनिया भर में पीटलैंड का तेजी से विनाश हो रहा है, जिससे ये ‘कार्बन बम’ में तब्दील हो रहे हैं। इनके क्षरण से भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जित हो रही है, जिससे जलवायु परिवर्तन की समस्या और बढ़ रही है।
अगर पीटलैंड का विनाश इसी तरह जारी रहा, तो जलवायु लक्ष्यों को पूरा करना असंभव हो जाएगा। इनके क्षरण से इतने बड़े स्तर पर CO2 का उत्सर्जन हो रहा है कि अगर इन्हें एक देश माना जाए, तो ये चीन, अमेरिका और भारत के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक होंगे।
दुनिया के प्रमुख देशों में पीटलैंड संरक्षण की स्थिति
देश | पीटलैंड क्षेत्र (वर्ग किमी) | संरक्षित क्षेत्र (%) |
---|---|---|
रूस | 12,72,029 | <10% |
कनाडा | 11,27,849 | 12% |
इंडोनेशिया | 1,91,347 | <15% |
रिपब्लिक ऑफ कांगो | 48,412 | 87% |
चिली | – | 51.2% |
ब्राजील | – | 51% |
रिपब्लिक ऑफ कांगो में पीटलैंड का 87% हिस्सा संरक्षित जरूर है, लेकिन केवल 333 वर्ग किलोमीटर हिस्से पर ही सख्ती से संरक्षण संबंधी नियम लागू किए गए हैं।
भारत में पीटलैंड को खतरा क्यों है?
भारत में पीटलैंड के सामने सबसे बड़ा खतरा तेजी से होते शहरीकरण और कृषि क्षेत्र के विस्तार से है।
- कृषि विस्तार: जंगलों की कटाई और खेती के लिए जमीन के बढ़ते उपयोग से पीटलैंड तेजी से नष्ट हो रहे हैं।
- खनन गतिविधियां: खनिजों और प्राकृतिक संसाधनों के लिए की जाने वाली खुदाई भी पीटलैंड को नुकसान पहुंचा रही है।
- अवैध निर्माण: शहरीकरण के विस्तार के कारण इन क्षेत्रों में अवैध निर्माण तेजी से बढ़ रहे हैं।
- जलवायु परिवर्तन: तापमान वृद्धि और अनियमित वर्षा के कारण भी पीटलैंड का क्षरण हो रहा है।
क्या किया जा सकता है?
विशेषज्ञों के अनुसार, पीटलैंड के संरक्षण के लिए निम्नलिखित कदम उठाने की जरूरत है:
सरकार द्वारा सख्त नीतियां:
- संरक्षित क्षेत्रों की संख्या बढ़ाई जाए।
- अवैध खनन और अतिक्रमण पर रोक लगाई जाए।
स्थानीय समुदायों की भागीदारी:
- स्वदेशी समुदायों को संरक्षण प्रयासों में शामिल किया जाए।
- स्थानीय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
पुनर्स्थापन (Restoration) परियोजनाएं:
- क्षतिग्रस्त पीटलैंड को फिर से विकसित किया जाए।
- इन क्षेत्रों में जल प्रवाह बनाए रखा जाए।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग:
- वैश्विक स्तर पर संरक्षण की नीतियां बनाई जाएं।
- जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए संयुक्त प्रयास हों।