Goa’s Agriculture: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मंगलवार को घोषणा की कि राज्य सरकार “गोवा स्टेट अमृतकाल एग्रीकल्चर पॉलिसी, 2025” को पूरी तरह लागू करने के लिए मौजूदा कानूनों में जरूरी बदलाव करेगी। इस नीति का उद्देश्य राज्य के कृषि क्षेत्र को आधुनिक, टिकाऊ और समावेशी बनाना है, ताकि यह गोवा की अर्थव्यवस्था का एक मजबूत आधार बन सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नीति को अगले 10 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, और सरकार हर महीने इसकी समीक्षा करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नीति पूरी तरह से प्रभावी हो।
गन्ना किसानों के लिए नई योजना
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार जल्द ही गन्ने की खरीद दरों पर आधिकारिक अधिसूचना जारी करेगी। इसके तहत किसानों को अपनी उपज सीधे मिलों में पहुंचानी होगी, जहां उन्हें उनकी फसल की उचित कीमत का भुगतान किया जाएगा।
नया कृषि विकास बोर्ड बनेगा
गोवा सरकार “गोवा स्टेट कोकोनट, काजू और मैंगो डेवलपमेंट बोर्ड” का गठन करेगी, जो इन तीन प्रमुख फसलों के विकास और उत्पादन को बढ़ावा देगा। यह बोर्ड केंद्र सरकार के समान ही कार्य करेगा और किसानों को तकनीकी सहायता, बाजार तक पहुंच और अन्य सुविधाएं प्रदान करेगा।
गोवा की कृषि विरासत को मिलेगा संरक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवा की कृषि विरासत को संरक्षित करना इस नीति का मुख्य उद्देश्य होगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह गोवा पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है, उसी तरह यहां की कृषि का भी एक समृद्ध इतिहास है। राज्य सरकार किसानों को हर संभव सहयोग देकर इस परंपरा को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
जल और कृषि भूमि प्रदूषण पर होगी सख्त कार्रवाई
राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि गोवा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा, जो अपशिष्ट जल को खेतों या जल निकायों में छोड़कर प्रदूषण फैलाते हैं। इससे न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी, बल्कि किसानों की जमीन भी उपजाऊ बनी रहेगी।