Forest: चामराजनगर जिले में बांदीपुर जंगल से होकर गुजरने वाले गुंडलुपेट-ऊटी रोड पर हाल ही में एक व्यक्ति को वन्यजीवों के साथ दुर्व्यवहार करने पर भारी जुर्माना भरना पड़ा।
गुंडलुपेट निवासी शाहुल हमीद नामक व्यक्ति ने सड़क किनारे घास चर रहे एक जंगली हाथी के सामने शोर मचाते हुए फोटो और वीडियो बनाए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद पर्यावरणविदों और वन्यजीव प्रेमियों ने हमीद की गिरफ्तारी की मांग की।
वन विभाग ने वायरल वीडियो के आधार पर हमीद को ट्रेस कर लिया और पाया कि उन्होंने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन किया है। इसके तहत, हमीद पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। साथ ही, वन विभाग ने उनसे लिखित आश्वासन लिया कि वह भविष्य में वन्यजीवों को परेशान नहीं करेंगे।
जुर्माना भरने के बाद हमीद ने एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, “मैं ऊटी यात्रा के दौरान बांदीपुर जंगल में सड़क किनारे एक हाथी का फोटो और वीडियो बना रहा था, जिसके कारण मुझ पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। जंगल में प्लास्टिक फेंकना, सड़क किनारे रुककर वन्यजीवों के साथ फोटो या वीडियो बनाना एक अपराध है। मेरी तरह कोई भी इस गलती को न दोहराए।”
वन्यजीव संरक्षण के लिए यह नियम क्यों जरूरी हैं?
- जंगल में शोर मचाने से वन्यजीव डर सकते हैं और आक्रामक हो सकते हैं।
- अचानक शोर या फ्लैश लाइट से हाथी जैसे बड़े जानवर भड़क सकते हैं, जिससे जान-माल को नुकसान हो सकता है।
- वन्यजीवों को परेशान करना भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत दंडनीय अपराध है।
वन विभाग का यह कदम उन पर्यटकों के लिए एक चेतावनी है जो जंगल में घूमने के दौरान वन्यजीवों के साथ अनुचित व्यवहार करते हैं। अगर आप जंगल की यात्रा कर रहे हैं, तो वन्यजीवों को सुरक्षित दूरी से देखें और उनके प्राकृतिक आवास का सम्मान करें