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नासा के वैज्ञानिकों ने जल चक्र में तेजी से हो रहे बदलावों का किया खुलासा

by kishanchaubey
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NASA: नासा के वैज्ञानिकों ने लगभग 20 वर्षों तक किए गए अध्ययन में पाया है कि दुनिया भर में जल चक्र (वॉटर साइकिल) तेजी से बदल रहा है। इन बदलावों का प्रमुख कारण खेती और अन्य मानवीय गतिविधियां हैं। शोधकर्ताओं ने आगाह किया है कि इन बदलावों का असर पर्यावरण, पारिस्थितिकी तंत्र और जल प्रबंधन पर पड़ सकता है।

मानवीय हस्तक्षेप और जल चक्र पर प्रभाव

शोध में यह स्पष्ट किया गया है कि जल चक्र में मानवीय हस्तक्षेप पहले से कहीं ज्यादा बढ़ चुका है। नासा गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के वैज्ञानिकों ने बताया कि जल प्रबंधन की मौजूदा रणनीतियां, जैसे बाढ़ के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण और सूखे के संकेतकों का विकास, यह मानती हैं कि जल चक्र में बदलाव केवल सीमित दायरे में होते हैं। लेकिन अब यह धारणा हर क्षेत्र के लिए सही नहीं है।

उदाहरण: उत्तरी चीन में जल संकट

उत्तरी चीन इसका एक बड़ा उदाहरण है, जहां लगातार सूखे की समस्या बनी हुई है। इसके बावजूद, कुछ क्षेत्रों में वनस्पति पनप रही है। इसका कारण यह है कि किसान भूजल के भंडार से अधिक पानी निकालकर सिंचाई कर रहे हैं। हालांकि, यह प्रक्रिया जल चक्र के अन्य पहलुओं, जैसे वाष्पोत्सर्जन (इवापोट्रांसपिरेशन) और अपवाह (रनऑफ), पर जटिल प्रभाव डाल रही है।

तीन प्रमुख बदलाव

शोधकर्ताओं ने जल चक्र में तीन तरह के बदलावों पर ध्यान केंद्रित किया:

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  1. प्रवृत्ति (Trend): जैसे भूजल भंडार में पानी की कमी।
  2. मौसमी बदलाव (Seasonal Changes): जैसे बढ़ते तापमान के कारण बर्फ का जल्दी पिघलना।
  3. चरम घटनाएं (Extreme Events): जैसे बाढ़ और सूखे का बार-बार होना।

डेटा संग्रह और सैटेलाइट तकनीक का उपयोग

2003 से 2020 तक, नासा ने विभिन्न सैटेलाइट स्रोतों से डेटा इकट्ठा किया। इनमें शामिल हैं:

  • ग्लोबल प्रीसिपिटेशन मेजरमेंट मिशन सैटेलाइट: बारिश के आंकड़ों के लिए।
  • ग्रेविटी रिकवरी और क्लाइमेट एक्सपेरिमेंट (GRACE) सैटेलाइट: स्थलीय जल भंडारण की जानकारी के लिए।
  • यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA): मिट्टी की नमी के आंकड़े।
  • मॉडरेट रेजोल्यूशन इमेजिंग स्पेक्ट्रोरेडियोमीटर (MODIS): वनस्पति के स्वास्थ्य की जानकारी।

भविष्य की योजना और स्थायी जल प्रबंधन

शोध में बताया गया है कि इन आंकड़ों का विश्लेषण वैज्ञानिकों को जल चक्र में हो रहे बदलावों का अधिक सटीक चित्रण करने में मदद करेगा। इसके अलावा, इन आंकड़ों को पृथ्वी प्रणाली मॉडल (Earth System Models) में शामिल किया जाएगा, ताकि जल चक्र पर मानवीय प्रभावों को बेहतर ढंग से समझा जा सके।

स्थानीय स्तर पर समाधान की आवश्यकता

शोधकर्ताओं का कहना है कि बेहतर आंकड़े और सटीक मॉडल जल संसाधन प्रबंधकों को यह समझने में मदद करेंगे कि उनकी स्थानीय जल स्थिति कैसी होगी। इससे वे जल संकट को कम करने के लिए प्रभावी रणनीतियां बना सकेंगे।

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