आगामी बजट 2025: जैसे-जैसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अपना आठवां बजट पेश करने की तैयारी कर रही हैं, देशभर में कृषि क्षेत्र के हितधारकों की उम्मीदें बढ़ रही हैं। कृषि, जो भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और लाखों लोगों के जीवन यापन का स्रोत है, इस बजट में विशेष ध्यान का केंद्र बनने की संभावना है।
कृषि क्षेत्र के लिए मुख्य अपेक्षाएं
कई विशेषज्ञ इस बजट में कृषि प्रौद्योगिकी (एग्री-टेक) में नवाचार, फसल संरक्षण के उन्नत समाधान, और किसानों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की आशा कर रहे हैं।
अग्रणी सुझाव और मांगें
- अग्रणी कृषि कंपनियों का दृष्टिकोण
राजेश अग्रवाल, प्रबंध निदेशक, इनसैक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड ने इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास (R&D) के लिए बजट आवंटन बढ़ाने की मांग की है।- इको-फ्रेंडली सॉल्यूशन्स पर ध्यान: उन्होंने कहा कि सरकार को पर्यावरण-अनुकूल और आधुनिक कृषि समाधानों के लिए अनुसंधान को प्रोत्साहन देना चाहिए।
- छोटे किसानों को सहयोग: उन्होंने छोटे किसानों को प्रौद्योगिकी और फसल संरक्षण समाधान तक बेहतर पहुंच प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर: ग्रामीण समुदायों के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे का विकास और किसानों को उच्च उत्पादकता में मदद करने के लिए सुविधाएं प्रदान करना इस बजट की प्राथमिकताओं में होना चाहिए।
- जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा
मनींदर सिंह नैय्यर, सीईओ और संस्थापक, सीईएफ ग्रुप ने प्राकृतिक और जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार से अधिक समर्थन की मांग की है।- प्रोत्साहन और सब्सिडी: जैविक खेती के लिए किसानों को सब्सिडी और प्रमाणन की सुविधाएं प्रदान करने की आवश्यकता है।
- बाजार तक पहुंच: जैविक उत्पादकों को बाजार तक बेहतर पहुंच देने से पर्यावरण के अनुकूल और स्वास्थ्यकर खेती के तरीकों को बढ़ावा मिलेगा।
- रासायनिक खेती से प्राकृतिक खेती की ओर बदलाव: पारंपरिक रासायनिक खेती से प्राकृतिक खेती की ओर क्रमिक बदलाव को नीति और वित्तीय सहायता के माध्यम से सुनिश्चित करना चाहिए।
भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान
भारत की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है और इसका देश की जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान है।
सरकार की वर्तमान योजनाएं और नीतियां
- किसानों को राहत देने वाली योजनाएं:
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना और पीएम-किसान सम्मान निधि योजना ने किसानों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान की है।
- डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन जैसे प्रोजेक्ट्स और सिंचाई सुविधाओं व कृषि उपकरणों पर सब्सिडी से किसानों को उत्पादन बढ़ाने में मदद मिली है।
- फसल सुरक्षा और एमएसपी:
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): किसानों को बाजार की अस्थिरता से बचाने के लिए एक मजबूत तंत्र है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: प्रतिकूल मौसम और बाजार की स्थिति में किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
बजट 2025: ग्रामीण विकास की दिशा में नई पहल
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बजट ग्रामीण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और देश के दीर्घकालिक सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में मददगार साबित हो सकता है।
संभावित घोषणाएं:
- कृषि अनुसंधान में बढ़ोतरी:
कृषि नवाचार और नई तकनीकों के विकास को प्राथमिकता दी जा सकती है। - प्राकृतिक खेती के लिए वित्तीय सहायता:
जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजनाएं और वित्तीय पैकेज की घोषणा की जा सकती है। - ग्रामीण बुनियादी ढांचे का विकास:
गांवों में भंडारण, सड़कों, बिजली और सिंचाई जैसी सुविधाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया जा सकता है।