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किसान अब कर रहे हैं फूलों की खेती, कम लागत में ज्यादा मुनाफा, जल संकट से बचाव भी

by kishanchaubey
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देशभर में पानी की कमी और भूजल स्तर में गिरावट के कारण किसानों को खेती करना मुश्किल हो गया है। कई जगहों पर जल संकट गंभीर रूप ले चुका है, जिससे खेती का खर्च बढ़ गया है। इसी समस्या से बचने के लिए किसान अब पारंपरिक फसलों जैसे गेहूं और धान की जगह, कम पानी और ज्यादा मुनाफा देने वाली फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। इनमें से एक प्रमुख विकल्प है फूलों की खेती, जो किसानों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित हो रही है।

करनाल जिले के गांव सलारू के प्रगतिशील किसान, जगतार सिंह, फूलों की खेती से प्रति एकड़ 2 से 3 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं। उनका यह उदाहरण आसपास के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन चुका है। जगतार सिंह का मानना है कि फूलों की खेती न केवल कम लागत में ज्यादा मुनाफा देती है, बल्कि यह खेती के लिए पर्यावरण को भी कम नुकसान पहुंचाती है।

कम लागत में ज्यादा मुनाफा

जगतार सिंह के मुताबिक, वे पिछले 5 सालों से फूलों की खेती कर रहे हैं। इस खेती में पानी की खपत बहुत कम होती है और मुनाफा ज्यादा होता है। पहले वे गेहूं और धान की खेती करते थे, लेकिन इन फसलों में ज्यादा पानी और अधिक खर्च आता था। इसके परिणामस्वरूप उन्हें कोई खास मुनाफा नहीं हो रहा था। अब फूलों की खेती ने उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार किया है और वे हर रोज या सप्ताह में 8 से 10 हजार रुपये तक कमा रहे हैं।

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फूलों की खेती के फायदे

जगतार ने बताया कि गेंदे के फूलों की खेती से भूमि की उपजाऊ शक्ति भी बनी रहती है। यह खेती किसानों को सालाना लाखों रुपये का मुनाफा दे सकती है। उन्होंने बताया कि फूलों की खेती में पानी की खपत बहुत कम होती है और यह एक नकदी फसल होती है। किसान कम समय में अच्छे मुनाफे के साथ अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकते हैं।

जगतार ने फूलों की खेती करने के तरीके को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि सितंबर महीने में लड्डू किस्म के पौधे लगाए जा सकते हैं और गर्मियों में जाफरी किस्म की खेती की जा सकती है। इसके साथ ही किसानों को साइड की खाली जगहों पर धनिया, पालक, सरसों या मक्का जैसी फसलें भी उगाने का सुझाव दिया।

महिला किसानों का भी सहयोग

महिला किसान, प्रसन्न कौर, जो पहले गेहूं और धान की फसल उगाती थीं, अब फूलों की खेती कर रही हैं। उन्होंने बताया कि फूलों की खेती से उन्हें अच्छे मुनाफे के साथ-साथ खर्च भी पूरा करने में आसानी हो रही है। उन्होंने अन्य किसानों से भी अपील की कि वे फूलों की खेती करें और अधिक मुनाफा कमाएं।

सरकारी योजनाएं और सहायता

सरकार भी किसानों को आधुनिक खेती के लिए जागरूक कर रही है। किसानों को सरकार की तरफ से फूलों की खेती के लिए अच्छी सब्सिडी मिल रही है और आधुनिक यंत्रों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है। इससे किसानों को उनकी खेती को आसान और लाभकारी बनाने में मदद मिल रही है।

बाजार में मूल्य

जगतार बताते हैं कि स्थानीय ग्राहकों द्वारा उनके खेतों से फूल 35 से 45 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर खरीदे जाते हैं, जबकि बाजार में ये फूल 200-250 रुपये प्रति कोरी के हिसाब से बिकते हैं। एक एकड़ में फूलों की खेती में करीब 15 हजार रुपये तक का खर्च आता है, जो किसानों के लिए एक आकर्षक निवेश साबित हो रहा है।

अंत में

जगतार सिंह ने बताया कि फूलों की खेती खाद्य फसलों से कहीं ज्यादा लाभकारी है। इस खेती में पानी की खपत बहुत कम होती है और किसान साल में दो बार खेती कर सकते हैं। यह खेती न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि पर्यावरण की दृष्टि से भी यह एक स्थिर विकल्प है। किसानों को चाहिए कि वे इस दिशा में आगे बढ़ें और फूलों की खेती को अपनाएं, ताकि वे खेती में बेहतर मुनाफा कमा सकें।

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