Mumbai Pollution: महाराष्ट्र में वायु गुणवत्ता को लेकर की गई एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मुंबई ने 2017-18 के आधार वर्ष की तुलना में PM10 कणों के स्तर में 46% की कमी दर्ज की है। यह राज्य के शहरों में सबसे ज्यादा कमी है। हालांकि, मुंबई में वायु प्रदूषण का स्तर अभी भी राष्ट्रीय पर्यावरण गुणवत्ता मानकों (NAQS) से अधिक है। यह जानकारी Centre for Research on Energy and Clean Air (CREA) की एक स्टडी में सामने आई है।
PM10 प्रदूषण क्या है?
PM10 कण धूल और धुएं में पाए जाने वाले बहुत ही छोटे कण होते हैं, जिनका आकार 10 माइक्रोमीटर (0.01 मिमी) या इससे कम होता है। ये कण सांस के जरिए गले और फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
- प्रभाव:
- खांसी, नाक बहना, आंखों में जलन।
- दिल या फेफड़ों की समस्याओं वाले लोगों को सांस लेने में दिक्कत, सीने में जकड़न और घरघराहट।
मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में स्थिति
- थाने: PM10 स्तर में 33% कमी।
- बद्लापुर और उल्हासनगर: PM10 स्तर में 32% कमी।
- नवी मुंबई: यहां PM10 कणों में वृद्धि दर्ज की गई।
- वसई-विरार: PM10 स्तर में कोई बदलाव नहीं हुआ और यह 99 μg/m³ पर बना रहा।
राष्ट्रीय मानक क्या कहते हैं?
- PM10 कणों का स्तर:
- 24 घंटे का अधिकतम स्तर: 100 μg/m³
- सालाना औसत स्तर: 60 μg/m³
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत शामिल शहर
महाराष्ट्र के 19 शहरों को NCAP के तहत फंडिंग दी जा रही है। ये शहर हैं:
- मुंबई
- थाने
- नवी मुंबई
- पुणे
- नागपुर
- नासिक
- वसई-विरार
- बद्लापुर
- उल्हासनगर
- सोलापुर
- औरंगाबाद
- अकोला
- अमरावती
- जलगांव
- जालना
- कोल्हापुर
- लातूर
- सांगली
- चंद्रपुर
मुंबई की चुनौती और समाधान
मुंबई में PM10 स्तर में कमी के बावजूद प्रदूषण का स्तर मानकों से ज्यादा है।
- जरूरी कदम:
- सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग।
- वाहनों और फैक्ट्रियों से होने वाले उत्सर्जन पर नियंत्रण।
- हरित क्षेत्र बढ़ाना।
- स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देना।