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वैज्ञानिकों ने खोजा नया पैंगोलिन प्रजाति: मैनिस इंडो-बर्मानिका

by kishanchaubey
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Zoological Survey of India – ZSI : भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (Zoological Survey of India – ZSI) के वैज्ञानिकों ने एक नई पैंगोलिन प्रजाति की पहचान की है, जिसका नाम इंडो-बर्मीज़ पैंगोलिन (Manis indo-burmanica) रखा गया है। यह खोज एशियाई पैंगोलिन की जैव विविधता और विकास को समझने में बड़ी सफलता मानी जा रही है।

चीनी पैंगोलिन से 3.4 मिलियन साल पहले हुई थी विभाजन

वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि यह नई प्रजाति चीनी पैंगोलिन (Manis pentadactyla) से करीब 3.4 मिलियन साल पहले विकसित हुई थी। इस खोज से यह स्पष्ट होता है कि इंडो-बर्मा क्षेत्र में जलवायु और भौगोलिक परिवर्तनों ने इस प्रजाति के विकास पर गहरा प्रभाव डाला।

आधुनिक जीनोमिक टूल्स से हुआ अध्ययन

इस अध्ययन का नेतृत्व ZSI के वैज्ञानिक मुकेश ठाकुर ने किया। शोध में माइटोकॉन्ड्रियल जीनोम्स का विश्लेषण किया गया। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह खोज आधुनिक जेनेटिक टूल्स की क्षमता को दर्शाती है, जो हमें छुपी हुई जैव विविधता को समझने में मदद करती है।

मुकेश ठाकुर ने कहा:
“इंडो-बर्मीज़ पैंगोलिन की खोज न केवल एशियाई पैंगोलिनों के बारे में हमारी समझ को समृद्ध करती है, बल्कि क्षेत्र-विशिष्ट संरक्षण प्रयासों की आवश्यकता पर भी जोर देती है।”

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शोध में अरुणाचल प्रदेश के नमूने की भूमिका

शोध में कलकत्ता विश्वविद्यालय की पीएचडी स्कॉलर लेनरिक कॉनचोक वांगमो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश से पाराटाइप नमूनों की पहचान की।

वांगमो ने कहा:
“यह खोज हमें पैंगोलिन के आवासों की रक्षा करने की आवश्यकता को और अधिक महत्वपूर्ण बनाती है, जो शिकार और पर्यावास के नुकसान जैसे खतरों का सामना कर रहे हैं।”

प्रजाति का मुख्य क्षेत्र और विकास

  • इंडो-बर्मीज़ पैंगोलिन का विकास प्लियोसीन और प्लेइस्टोसीन युग में हुआ, जब जलवायु और भूवैज्ञानिक परिवर्तनों ने पृथ्वी को प्रभावित किया।
  • यह प्रजाति मुख्य रूप से अरुणाचल प्रदेश और असम में पाई जाती है। इसके अतिरिक्त, नेपाल, भूटान, और म्यांमार में भी इसकी उपस्थिति होने की संभावना है।

संरक्षण की जरूरत

इस नई प्रजाति की खोज ने इसके संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित किया है।

  • वैश्विक स्तर पर पैंगोलिन खतरे में हैं, क्योंकि उनका अवैध शिकार और आवास का विनाश तेजी से हो रहा है।
  • इस प्रजाति का संरक्षण इसके पर्यावरणीय और जैविक महत्व के कारण अत्यंत आवश्यक है।

पैंगोलिन संरक्षण में वैज्ञानिक प्रयासों की भूमिका

ZSI की यह खोज जैव विविधता की समृद्धि को दिखाती है और यह बताती है कि वैज्ञानिक शोध वन्यजीव संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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