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Indian Agricultural Reforms 2025 : प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी.के. मिश्रा ने भारत के कृषि क्षेत्र में हाइब्रिड फसल तकनीक (Hybrid Crop Technology) को एक बड़ा बदलाव लाने वाला कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक विशेष रूप से छोटे किसानों के लिए महत्वपूर्ण है, जो देश के कृषि कार्यबल का बड़ा हिस्सा हैं।
कृषि की वर्तमान स्थिति और चुनौतियां
- कृषि का GDP में योगदान घटा:
- 1977 में कृषि का GDP में हिस्सा 42% था, जो 2023-24 में घटकर 18% रह गया है।
- बावजूद इसके, भारत के 46% कार्यबल की आजीविका अभी भी कृषि पर निर्भर है।
- समावेशी और टिकाऊ विकास की जरूरत:
- मिश्रा ने जोर देकर कहा कि कृषि का विकास ऐसा होना चाहिए जो सभी वर्गों को साथ लेकर चले।
- यह न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में भी ले जाएगा।
हाइब्रिड फसल तकनीक और अन्य समाधान
मिश्रा ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए समग्र (comprehensive) दृष्टिकोण अपनाने की वकालत की। इसके तहत उन्होंने निम्नलिखित उपाय सुझाए:
- हाइब्रिड फसल तकनीक का व्यापक उपयोग:
- यह तकनीक फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता बढ़ाने में मदद कर सकती है।
- छोटे किसानों को बेहतर फसल उत्पादन और कम लागत में अधिक लाभ मिल सकता है।
- कृषि विविधीकरण:
- फसल उत्पादन के साथ-साथ बागवानी (horticulture), पशुपालन (livestock), और मछली पालन (fisheries) जैसे क्षेत्रों पर भी ध्यान देना जरूरी है।
- इससे किसानों को आय के नए स्रोत मिलेंगे।
- छोटे किसानों को नई तकनीक से जोड़ना:
- छोटे जोत वाले किसानों को कृषि में नई तकनीकों का उपयोग सिखाना और उनके लिए इसे किफायती बनाना।
- यह कदम उनकी आय बढ़ाने और उनकी मेहनत को आसान बनाने में सहायक होगा।
- ग्रामीण-शहरी आय अंतर कम करना:
- मिश्रा ने कहा कि इन उपायों से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच आय के अंतर को कम किया जा सकता है।
- खाद्य सुरक्षा और किसानों की लाभप्रदता:
- इन उपायों का उद्देश्य केवल फसलों की उत्पादकता बढ़ाना नहीं है, बल्कि खाद्य सुरक्षा (Food Security) सुनिश्चित करना और किसानों को उनके उत्पादन का बेहतर दाम दिलाना भी है।
हाइब्रिड फसल तकनीक के फायदे
- उच्च उत्पादन:
- हाइब्रिड फसलें पारंपरिक फसलों की तुलना में अधिक उत्पादन देती हैं।
- बेहतर गुणवत्ता:
- फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है, जिससे बाजार में उनकी मांग बढ़ती है।
- जलवायु सहनशीलता:
- हाइब्रिड फसलें खराब मौसम, सूखा, और अन्य प्रतिकूल परिस्थितियों को झेलने में अधिक सक्षम होती हैं।
- कम लागत, अधिक लाभ:
- किसानों को कम लागत में अधिक उपज मिलती है, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी होती है।
भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में कदम
मिश्रा ने स्पष्ट किया कि कृषि का सुधार केवल आर्थिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक समावेश के लिए भी महत्वपूर्ण है। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए कृषि क्षेत्र में तकनीकी और संरचनात्मक बदलाव लाना जरूरी है।