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बारिश ने बदला राजस्थान का भूजल स्तर: छह मीटर तक बढ़ा ग्राउंड वाटर लेवल

by kishanchaubey
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Groundwater level of Rajasthan : इस साल राजस्थान में हुई असामान्य बारिश ने प्रदेश के भूजल स्तर में उल्लेखनीय सुधार किया है। राज्य में 50 में से 27 जिलों में भारी बारिश हुई, जिससे औसतन भूजल स्तर करीब 6 मीटर तक ऊपर आया है। भू-जल विभाग की पोस्ट मॉनसून एसेसमेंट रिपोर्ट 2024 के अनुसार, बारिश के बाद प्रदेश में औसत भूजल स्तर 28.83 मीटर से घटकर 23.01 मीटर हो गया है।

भारी बारिश से ज्यादातर जिलों में सुधार

  • इस साल 27 जिलों में असामान्य बारिश हुई, जबकि 15 जिलों में सामान्य से अधिक और 8 जिलों में सामान्य बारिश दर्ज की गई।
  • चूरू जिले को छोड़कर सभी जिलों में भूजल स्तर बढ़ा है।
  • सबसे ज्यादा बढ़ोतरी चित्तौड़गढ़ (14 मीटर), सवाई माधोपुर (13.32 मीटर), और बूंदी (11.50 मीटर) में दर्ज की गई।

रेगिस्तानी इलाकों में भी बढ़ा भूजल स्तर

राजस्थान के रेगिस्तानी जिले, जैसे जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और जोधपुर में भी बारिश के कारण भूजल स्तर में सुधार हुआ।

  • जैसलमेर में भूजल स्तर 2.50 मीटर ऊपर आया।
  • बाड़मेर में 1.73 मीटर, बीकानेर में 0.81 मीटर और जोधपुर में 1.51 मीटर का सुधार हुआ।

कुल 63% अधिक बारिश

  • मॉनसून सीजन (1 जून से 1 अक्टूबर 2024) में राजस्थान में औसत से 63% अधिक बारिश हुई।
  • करौली जिले में सबसे ज्यादा 1931 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो पूरे राज्य में सबसे अधिक है।
  • करौली में भूजल स्तर 6.20 मीटर बढ़ा।

डार्क जोन में सुधार की उम्मीद

राजस्थान के 299 ब्लॉकों में से 88% ब्लॉक (डार्क जोन) में भूजल का अत्यधिक दोहन हुआ है। 2023 में भूजल का 149% तक उपयोग किया गया, जो 1984 में मात्र 35% था।
इस साल हुई भारी बारिश से डार्क जोन में भी सुधार की उम्मीद है।

राजस्थान में जल संकट के हालात

  • राजस्थान देश के 10% भू-भाग पर फैला है, लेकिन पानी की उपलब्धता केवल 1% है।
  • प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता सिर्फ 800 क्यूबिक मीटर है, जो राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है।
  • पीने का 87% पानी भूजल स्रोतों (कुएं, बोरवेल, हैंडपंप) से आता है।

स्वास्थ्य और सामाजिक प्रभाव

भूजल स्तर गिरने से पानी में फ्लोराइड, नाइट्रेट और अन्य हानिकारक तत्व बढ़ जाते हैं, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं।

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  • राजस्थान के 12 जिलों की 95 बस्तियां फ्लोराइड से प्रभावित हैं।
  • करीब 40 लाख लोग फ्लोरोसिस से पीड़ित हैं।
    भूजल स्तर के सुधार से साफ पानी की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं कम होंगी और परिवारों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।

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