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Yamuna River : दिल्ली में यमुना नदी में अमोनिया का बढ़ता स्तर अब एक गंभीर समस्या बन चुका है। यह न केवल लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि उनकी रोज़मर्रा की जिंदगी को भी बाधित कर रहा है। अमोनिया, एक रंगहीन गैस है, जो तेज़ गंध वाली होती है और पानी में आसानी से घुल जाती है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
अमोनिया युक्त पानी पीने से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं:
- तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव: शरीर में अमोनिया की अधिकता से याददाश्त खोने, ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत और अन्य मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।
- त्वचा और आंखों में जलन: पानी में अधिक अमोनिया होने से त्वचा, आंख और श्वसन तंत्र में जलन हो सकती है।
- पाचन तंत्र पर असर: इससे पेट दर्द, उल्टी और जी मिचलाने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- किडनी पर प्रभाव: शरीर में अधिक अमोनिया से किडनी पर दबाव बढ़ता है, क्योंकि किडनी अतिरिक्त नाइट्रोजन को निकालने में असमर्थ हो जाती है।
विशेष रूप से प्रभावित लोग:
- शिशु और छोटे बच्चे
- पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति
जलीय जीवन और पर्यावरण पर असर
यमुना में अमोनिया की अधिक मात्रा जलीय जीवन के लिए ज़हरीली साबित हो रही है। इससे मछलियों और अन्य जलीय जीवों के जीवन पर खतरा बढ़ गया है। इतना ही नहीं, पानी में अमोनिया का बढ़ा हुआ स्तर इसे इंसानों के लिए पीने के लायक नहीं छोड़ता।
यमुना में अमोनिया का बढ़ता स्तर: कारण
- अप्रशोधित सीवेज: दिल्ली और आसपास के इलाकों में गंदे पानी का नदी में गिरना।
- औद्योगिक कचरा: कारखानों से निकलने वाले रासायनिक कचरे का नदी में बहाया जाना।
- कृषि रसायन: खेतों में उपयोग किए जाने वाले उर्वरकों और कीटनाशकों का बहाव नदी में होना।
समाधान के प्रयास
- जल उपचार संयंत्र: यमुना में गंदे पानी को साफ करने के लिए उच्च तकनीक वाले जल उपचार संयंत्रों की स्थापना जरूरी है।
- सख्त कानून: कारखानों और अन्य स्रोतों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त नियम और उनका पालन सुनिश्चित करना।
- जनजागरूकता: लोगों को पानी के प्रदूषण के खतरों के बारे में जागरूक करना और नदी की स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करना।
- शोध और निगरानी: अमोनिया के स्रोतों की पहचान और इसे नियंत्रित करने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान।