FAIFA : इंडिया फार्मर एसोसिएशन (FAIFA) ने गुरुवार को भारतीय कृषि के विकास के लिए एक विस्तृत योजना जारी की। “इंडियन एग्रीकल्चर आउटलुक 2025” नामक इस श्वेतपत्र को संसद सदस्यों मगोन्ता श्रीनिवासुलु रेड्डी और पुट्टा महेश कुमार ने किसान दिवस 2024 के अवसर पर जारी किया। इसमें कृषि क्षेत्र की चुनौतियों और समाधान के बारे में चर्चा की गई।
भारतीय कृषि की चुनौतियां
FAIFA की रिपोर्ट में बताया गया कि सरकारी प्रयासों के बावजूद भारतीय कृषि को निम्न उत्पादकता, मौसम आधारित जोखिम और छोटे व बिखरे हुए भूखंड जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2025-2030 के बीच भारतीय कृषि 5.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ बढ़ेगी, जिससे 2030 तक इसका कुल मूल्य 42 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। खाद्यान्न उत्पादन में 2030 तक 25% की वृद्धि होगी, जो मौजूदा 330 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक होगा।
रिपोर्ट की मुख्य सिफारिशें
निकट भविष्य (2025 तक):
- ई-नाम (इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) को मजबूत बनाना।
- सिंचाई कवरेज का विस्तार करना।
- एग्रीस्टैक प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना।
मध्यम अवधि (2025-2030):
- निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करना।
- कृषि बाजारों के लिए सुगम नियम बनाना।
लंबी अवधि (2030-2040):
- यूनिवर्सल सिंचाई कवरेज हासिल करना।
- सटीक कृषि (Precision Agriculture) तकनीकों को लागू करना।
FAIFA का दृष्टिकोण और समर्थन
FAIFA ने कहा कि इन सिफारिशों की सफलता सभी हितधारकों की सामूहिक प्रतिबद्धता पर निर्भर है। वर्तमान में, लगभग 180 किसान संघ FAIFA की पहल का समर्थन कर रहे हैं।
कृषि पर GST का प्रभाव
FAIFA के अध्यक्ष जावरे गौड़ा ने चेतावनी दी कि तंबाकू, तंबाकू उत्पादों और शीतल पेयों पर 35 प्रतिशत GST लागू करने का प्रस्ताव तंबाकू और गन्ना जैसे नकदी फसलों के किसानों को नुकसान पहुंचा सकता है।
FAIFA का परिचय
आंध्र प्रदेश स्थित FAIFA तंबाकू, मिर्च, मूंगफली, कपास और तिलहन जैसी फसलें उगाने वाले किसानों का प्रतिनिधित्व करता है। इसका कार्यक्षेत्र आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों तक फैला हुआ है।
किसान दिवस 2024 पर संदेश
FAIFA की यह रिपोर्ट भारतीय कृषि को एक नई दिशा देने की ओर कदम है। इसमें टिकाऊ खेती, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और किसान हितैषी नीतियों पर जोर दिया गया है। यह पहल किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने में सहायक होगी।