केंद्र सरकार ने हाल ही में शुरू किए गए राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं और राज्यों से 7 दिसंबर, 2024 तक अपनी राय मांगी है। यह मिशन 25 नवंबर, 2024 को शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य किसानों को रसायनिक खाद और कीटनाशकों पर निर्भरता कम करने के साथ-साथ प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है।
मिशन का उद्देश्य और कार्य योजना
- इस मिशन के तहत जन भागीदारी के माध्यम से किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
- मिशन के लिए स्थान-विशिष्ट समाधान तैयार किए जाएंगे, जो किसानों की जरूरतों और स्थानीय परिस्थितियों पर आधारित होंगे।
- सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित मानक और किसान-अनुकूल प्रमाणन प्रक्रिया लागू करने का प्रस्ताव रखा है।
दिशानिर्देशों की मुख्य बातें
- प्राकृतिक खेती का राष्ट्रीय ब्रांड:
प्राकृतिक और रसायन-मुक्त खेती से उगाए गए उत्पादों के लिए एक राष्ट्रीय ब्रांड बनाया जाएगा। - नीतियां और कार्यान्वयन:
- नीतियां बनाने और लागू करने के लिए दो अलग-अलग निकायों का गठन किया जाएगा।
- 30,000 कृषि सखियों (ग्रामीण संसाधन व्यक्ति) को प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
- डेटा प्रबंधन:
प्रगति पर नजर रखने और नीतियों को सुधारने के लिए एक आईटी पोर्टल के माध्यम से वास्तविक समय का डेटा रिकॉर्ड किया जाएगा।
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) क्या है?
यह मिशन कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (MoA&FW) के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (DA&FW) द्वारा चलाया जा रहा एक स्वतंत्र केंद्रीय प्रायोजित योजना है। मिशन का बजट 2,481 करोड़ रुपये है, जिसमें से 1,584 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 897 करोड़ रुपये राज्य सरकारें प्रदान करेंगी।
प्राकृतिक खेती क्या है?
प्राकृतिक खेती एक रसायन-मुक्त खेती की विधि है, जिसमें मुख्यतः:
- पशुधन (विशेष रूप से स्वदेशी नस्ल के मवेशी) का उपयोग किया जाता है।
- मृदा स्वास्थ्य (soil health) को सुधारने और किसानों की लागत कम करने पर ध्यान दिया जाता है।
- जलवायु परिवर्तन के प्रति सहनशीलता (climate resilience) बढ़ाने के लिए विविध फसल प्रणाली अपनाई जाती है।
मिशन के तहत लक्ष्य
- 7.5 लाख हेक्टेयर जमीन पर प्राकृतिक खेती को लागू करना।
- 10 मिलियन किसानों को लाभ पहुंचाना।
- 15,000 क्लस्टर (ग्राम पंचायतों) में इस योजना को लागू करना।
कार्य योजना कैसे लागू होगी?
- जिला स्तर पर चयन:
जिलों को उपयुक्त ब्लॉक चुनने का अधिकार दिया जाएगा। - ग्राम पंचायत स्तर पर क्लस्टर:
प्रत्येक चयनित ग्राम पंचायत में 50 हेक्टेयर की संयुक्त जमीन पर लगभग 125 किसानों का क्लस्टर बनाया जाएगा। - किसानों की सहभागिता:
केवल उन किसानों को शामिल किया जाएगा जो प्राकृतिक खेती अपनाने के इच्छुक होंगे।
राज्यों से सुझाव आमंत्रित
हालांकि दिशानिर्देश अभी मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन इन्हें राज्यों के साथ साझा किया गया है। राज्य सरकारें इन पर सुझाव देकर मिशन को और प्रभावी बनाने में योगदान कर सकती हैं।