दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण ने लोगों के जीवन को बेहद कठिन बना दिया है। रविवार सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 345 दर्ज किया गया, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। यह स्थिति तब है जब वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-4 के तहत कई उपाय लागू किए गए हैं।
स्वास्थ्य पर असर
प्रदूषण में मौजूद महीन कण (फाइन पार्टिकुलेट मैटर) फेफड़ों में गहराई तक जाकर खून में मिल सकते हैं। लंबे समय तक ऐसे प्रदूषण के संपर्क में रहना न केवल श्वसन तंत्र पर असर डालता है, बल्कि यह आंखों पर भी गंभीर प्रभाव डालता है।
आँखों पर प्रदूषण का प्रभाव
डॉ. कुशल कौशिक (विट्रियो-रेटिना सर्जन, दिल्ली) बताते हैं कि प्रदूषण के कारण आंखों में सूखापन, जलन और बार-बार आंख मसलने की समस्या बढ़ रही है।
- सूक्ष्म कणों का असर: वायु में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और ओजोन जैसे प्रदूषक आंखों के ऊतकों को नुकसान पहुंचाते हैं।
- बच्चों में बढ़ती मायोपिया (निकट दृष्टिदोष):
- खराब हवा के कारण बच्चे घर के अंदर रहने को मजबूर होते हैं।
- प्राकृतिक रोशनी और बाहरी गतिविधियों की कमी से उनकी आँखों का विकास बाधित होता है।
- स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से आँखों पर दबाव बढ़ता है।
डॉ. रोहित सक्सेना (एम्स, दिल्ली) का कहना है कि प्रदूषण से आँखों की बाहरी परत जैसे कॉर्निया और कंजक्टिवा पर सीधा असर पड़ता है।
- संक्रमण का खतरा: प्रदूषण में मौजूद कण और विषैले पदार्थ आँखों को संक्रमण के प्रति संवेदनशील बना देते हैं।
- कंजक्टिवाइटिस और केराटोकोनस: बार-बार आंख मसलने से कॉर्निया कमजोर हो सकता है, जिससे यह उभरने और कमजोर होने लगता है।
समाधान और सुझाव
- प्रदूषण नियंत्रण: सरकार और समाज को मिलकर वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
- आंखों की सुरक्षा:
- घर से बाहर निकलने पर धूल और प्रदूषण से बचने के लिए चश्मा पहनें।
- आँखों में जलन होने पर ठंडे पानी से धोएं और डॉक्टर की सलाह लें।
- बच्चों की देखभाल:
- स्क्रीन का समय सीमित करें।
- जब हवा साफ हो, तो बच्चों को बाहरी गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करें।
- स्वास्थ्यवर्धक आदतें अपनाएं: संतुलित आहार लें और आंखों की नियमित जांच करवाएं।
पर्यावरण पर प्रभाव
- वृक्षों और जैव विविधता का नुकसान: वायु प्रदूषण पेड़ों और वनस्पतियों को भी नुकसान पहुंचाता है।
- जल और मिट्टी प्रदूषण: हवा में मौजूद जहरीले कण बारिश के साथ जल स्रोतों और मिट्टी में मिल जाते हैं, जिससे पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण का संकट न केवल श्वसन और हृदय संबंधी बीमारियों को बढ़ा रहा है, बल्कि आंखों की समस्याओं को भी गंभीर बना रहा है। इस स्थिति से निपटने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर सावधानी और सामूहिक प्रयासों की सख्त जरूरत है।