स्वीडन में एक अध्ययन में पाया गया है कि जिन जंगलों में कम प्रकार के पेड़ होते हैं, वे नुकसान के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। खासकर, लॉजपोल पाइंस जैसी बाहरी प्रजातियों को नुकसान का सबसे ज्यादा खतरा है। यह अध्ययन उमेओ विश्वविद्यालय और स्वीडिश यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस के शोधकर्ताओं ने किया। अध्ययन के नतीजे जंगलों को होने वाले नुकसान और वन उद्योग से जुड़े वित्तीय नुकसान को रोकने में मददगार हो सकते हैं।
जंगलों को नुकसान पहुंचाने वाले कारक
स्वीडन के जंगलों में पेड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले प्राकृतिक कारकों में शामिल हैं:
- फफूंद और कीड़े
- आग
- जानवरों द्वारा नुकसान, जैसे मूस (हिरण प्रजाति)
- तेज हवा और बर्फबारी
- मानवीय गतिविधियां, जैसे वानिकी
इन कारणों से जंगलों का पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो सकता है, जिससे लकड़ी और अन्य उत्पादों की उपलब्धता कम हो जाती है।
अध्ययन का उद्देश्य और निष्कर्ष
अध्ययन ने 2003 से 15 वर्षों के आंकड़ों का विश्लेषण किया, जो पूरे स्वीडन के जंगलों से जुटाए गए थे। यह अध्ययन समय और भौगोलिक दृष्टि से पहले के अध्ययनों की तुलना में अधिक व्यापक है।
मुख्य निष्कर्ष:
- हवा और बर्फ पेड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले सबसे बड़े कारण हैं।
- इसके बाद वानिकी और फिर फफूंद का स्थान आता है।
- जानवरों (मूस) से होने वाले नुकसान की रैंकिंग पांचवें स्थान पर है।
- कुल 94% पेड़ों में किसी न किसी प्रकार का नुकसान पाया गया।
- कॉनिफेरस (सुईदार पत्तों वाले) पेड़ और युवा जंगलों को नुकसान का सबसे अधिक खतरा होता है।
- गर्म इलाकों में, कम प्रजातियों वाले जंगलों को नुकसान का खतरा अधिक होता है।
लॉजपोल पाइंस और नुकसान का संबंध
अध्ययन में यह भी पाया गया कि लॉजपोल पाइंस, जिन्हें वानिकी उद्योग ने पेश किया था, नुकसान के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील हैं।
- इन पेड़ों को बढ़ावा देना लाभदायक वानिकी के खिलाफ है।
- शोधकर्ताओं का कहना है कि ब्रॉडलीफ (चौड़ी पत्तियों वाले) पेड़ों को शामिल करने से जंगलों को नुकसान का खतरा कम किया जा सकता है।
समाधान और सुझाव
- विविध प्रजातियां अपनाएं
- जंगलों में अधिक प्रकार के पेड़ों को शामिल करना जरूरी है।
- यह कदम भविष्य में गर्म जलवायु के अनुकूल साबित होगा।
- जंगल प्रबंधन में बदलाव करें
- जंगल प्रबंधन की नीतियों को गर्म जलवायु के अनुसार ढालना होगा।
- चौड़ी पत्तियों वाले पेड़ों का अनुपात बढ़ाने से नुकसान कम किया जा सकता है।
- डेटा की गुणवत्ता सुधारें
- अध्ययन में यह भी पाया गया कि राष्ट्रीय वन सर्वेक्षण के डेटा में कुछ खामियां हैं।
- जंगलों को बेहतर समझने और नुकसान की सटीक जानकारी के लिए डेटा संग्रह की गुणवत्ता को सुधारने की जरूरत है।
निष्कर्ष
जंगलों की विविधता न केवल पेड़ों को नुकसान से बचाती है, बल्कि एक स्वस्थ और टिकाऊ पारिस्थितिकी तंत्र को भी बनाए रखती है। अध्ययन यह संकेत देता है कि स्वीडन जैसे देशों को अपनी वानिकी नीतियों में बदलाव करने होंगे और अधिक विविध प्रजातियों को बढ़ावा देना होगा। गर्म जलवायु और नए कीटों के बढ़ते खतरे के बीच, यह कदम जंगलों की सुरक्षा और वन उद्योग की स्थिरता के लिए आवश्यक है।