शनिवार सुबह दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब रही, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘खतरनाक’ श्रेणी में पहुंच गया। SAFAR के अनुसार, सुबह 9 बजे दिल्ली का AQI 407 दर्ज किया गया। घने स्मॉग की चादर ने राष्ट्रीय राजधानी को ढक दिया, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया।
प्रमुख इलाकों में AQI का स्तर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार:
- आनंद विहार: 436
- बवाना: 438
- द्वारका सेक्टर-8: 410
- मुंडका: 421
- अलीपुर: 437
- बुराड़ी क्रॉसिंग: 429
- लोधी रोड: 426
- आरके पुरम: 402
- वज़ीरपुर: 441
इन सभी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता ‘खतरनाक’ श्रेणी में है। इसके अलावा, कई इलाकों में AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहा। उदाहरण के लिए:
- आईजीआई एयरपोर्ट: 386
- नजफगढ़: 354
- ओखला फेज-2: 383
- आईटीओ: 359
- जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम: 375
AQI श्रेणियां और उनके प्रभाव
CPCB के अनुसार:
- 0-50: अच्छी (कोई नुकसान नहीं)
- 51-100: संतोषजनक (कम प्रभाव)
- 101-200: मध्यम (सांस की समस्या संभावित)
- 201-300: खराब (लंबे समय तक संपर्क से स्वास्थ्य पर असर)
- 301-400: बहुत खराब (फेफड़ों और दिल की समस्या बढ़ सकती है)
- 401-500: खतरनाक (स्वस्थ लोगों पर भी असर, बीमार लोगों के लिए गंभीर खतरा)
पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभाव
- स्वास्थ्य पर प्रभाव:
- सांस लेने में दिक्कत, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को।
- आँखों में जलन और गले में खराश।
- अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और हृदय रोग बढ़ने का खतरा।
- लंबे समय तक संपर्क से फेफड़ों की स्थायी क्षति हो सकती है।
- पर्यावरण पर प्रभाव:
- प्रदूषण के कारण पेड़-पौधों की वृद्धि पर असर।
- मिट्टी और जल स्रोतों में जहरीले कणों का जमाव।
- यमुना नदी में जहरीला झाग पर्यावरणीय संकट को और बढ़ा रहा है।
सरकार के कदम
दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-III) के तहत:
- BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया।
- आदेश का उल्लंघन करने पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194(1) के तहत ₹20,000 जुर्माना।
मौसम का हाल
- अधिकतम तापमान: 30 डिग्री सेल्सियस
- न्यूनतम तापमान: 15 डिग्री सेल्सियस
- सुबह के समय पालम और सफदरजंग एयरपोर्ट पर हल्का कोहरा।
- आने वाले दिनों में सुबह-शाम स्मॉग और हल्के कोहरे की संभावना।
दिल्ली में प्रदूषण का यह स्तर केवल मौसमी बदलाव का परिणाम नहीं है, बल्कि वाहनों के उत्सर्जन, औद्योगिक प्रदूषण और निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल भी इसके प्रमुख कारण हैं। समय पर कदम न उठाने से यह समस्या और गंभीर हो सकती है।