संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार, काकेशस के छह देशों में जलवायु परिवर्तन से गंभीर पर्यावरणीय प्रभाव देखे जा रहे हैं। इन देशों में आर्मेनिया, अजरबैजान, जॉर्जिया, ईरान, रूस, और तुर्किये शामिल हैं।
ग्लेशियरों का पीछे हटना और पानी की कमी:
काकेशस की पहाड़ियों में स्थित ग्लेशियर पिछले सौ वर्षों में औसतन 600 मीटर पीछे हट गए हैं, जिससे 11 अरब टन ताजे पानी की हानि हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2100 तक इन देशों के अधिकांश नदियों का जल स्तर 20% तक कम हो सकता है। विशेष रूप से 2020 में, आर्मेनिया में नदी का प्रवाह 26% तक गिर गया और अजरबैजान में 20% तक।
तेज तापमान और आपदाएं:
जलवायु परिवर्तन के चलते काकेशस में औसत तापमान 3.6°C तक बढ़ सकता है, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में गर्मी बढ़ेगी। उदाहरण के लिए, अगस्त 2023 में जॉर्जिया के शॉवी गांव में अचानक आई बाढ़ और कीचड़ में बहाव से 24 लोगों की मौत हो गई थी।
स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रभाव:
बढ़ती गर्मी और प्राकृतिक आपदाएं स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे हैं। अत्यधिक गर्मी से होने वाली बीमारियों में इजाफा हो रहा है, और पानी की कमी से फसल उत्पादन पर भी असर पड़ रहा है। इससे ग्रामीण और कृषि आधारित अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव बढ़ेगा और ग्रामीण समुदायों के लिए आजीविका की समस्या बढ़ेगी। मिट्टी का कटाव और भूमि की उपजाऊ शक्ति का घटना भी एक बड़ी समस्या है।
संरक्षण और सुधार के अवसर:
हालांकि स्थिति गंभीर है, रिपोर्ट में समाधान के कई अवसरों पर भी प्रकाश डाला गया है। काकेशस में अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान केंद्रित कर प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण संरक्षण में सुधार की संभावना है। अजरबैजान और जॉर्जिया जैसे देशों ने अपनी भूमि का एक बड़ा हिस्सा संरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया है, जिससे पारिस्थितिकी को संरक्षित करने में मदद मिल रही है।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता:
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि क्षेत्रीय देशों को जलवायु अनुकूलन के लिए संयुक्त प्रयास करने चाहिए। संयुक्त कार्य से न केवल संसाधनों का संरक्षण किया जा सकता है, बल्कि जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान को भी कम किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर, पारंपरिक खेती और चरागाह प्रबंधन तकनीकों का पुनरोद्धार पर्यावरण अनुकूलन के लिए महत्वपूर्ण होगा।
भावी योजनाएँ:
UNEP आने वाले महीनों में जॉर्जिया के लिए एक राष्ट्रीय जलवायु अनुकूलन योजना का विकास करेगा और 2025 में दक्षिण काकेशस में एक क्षेत्रीय वार्ता आयोजित की जाएगी।