पंजाब में डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) खाद की कमी से परेशान किसानों की सहायता के लिए कृषि विभाग ने खाद विक्रेताओं पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। विभाग के अधिकारियों ने दुकानों पर जांच अभियान चलाया है ताकि किसानों के साथ किसी भी तरह की धोखाधड़ी या अनियमितता न हो।
कृषि विभाग ने साफ किया है कि अगर कोई विक्रेता डीएपी के साथ अन्य उत्पादों को जोड़कर बेचता है या अधिक कीमत वसूलता है, तो उसका लाइसेंस तुरंत रद्द कर दिया जाएगा। इसके साथ ही, ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ फर्टिलाइजर (कंट्रोल) ऑर्डर 1985 के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
पटियाला के मुख्य कृषि अधिकारी जसविंदर सिंह ने जानकारी दी कि नाभा ब्लॉक में खाद स्टॉक की जांच के लिए कृषि विकास अधिकारियों (ADOs) द्वारा निरीक्षण किया गया। किसानों से आग्रह किया गया है कि वे अपनी मिट्टी की जांच कराएं और उसकी आवश्यकताओं के अनुसार ही खाद का उपयोग करें, ताकि फसल के लिए सही पोषक तत्वों का चयन किया जा सके। उन्होंने कहा कि अक्सर किसान दूसरों को देखकर अनावश्यक खाद का उपयोग कर लेते हैं, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान होता है।
लुधियाना में भी निजी खाद विक्रेताओं और सहकारी समितियों पर छापे मारे गए हैं। वहां के उपायुक्त जितेंद्र जोरवाल ने निर्देश दिए कि विक्रेता खाद की कीमत को पारदर्शी तरीके से प्रदर्शित करें और अनावश्यक उत्पादों को जबरदस्ती न बेचें।
कृषि विशेषज्ञों ने भी किसानों को DAP का विकल्प सुझाया है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र, पटियाला ने बताया कि गेहूं की खेती के लिए NPK (12:32:16) का उपयोग एक अच्छा विकल्प हो सकता है, जो आवश्यक फॉस्फोरस और नाइट्रोजन के साथ पोटैशियम भी प्रदान करता है।
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