अफ्रीका के जंगलों में शेरों की ताकत, गति, और झुंड में शिकार करने की क्षमता के बावजूद, जानवर इंसानों से कहीं ज्यादा डरते हैं। कनाडा के वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के संरक्षण जीवविज्ञानी माइकल क्लिंची और उनकी टीम ने इस पर अध्ययन किया। माइकल क्लिंची के अनुसार, “शेर पृथ्वी पर सबसे बड़े समूह में शिकार करने वाले भूमि शिकारी हैं और इसलिए उन्हें सबसे डरावना माना जाना चाहिए, लेकिन हमने यह जानने की कोशिश की कि क्या इंसान वास्तव में शेरों से भी ज्यादा डरावने हैं।”
शोधकर्ताओं ने 10,000 से ज्यादा रिकॉर्डिंग का अध्ययन किया, जिसमें उन्होंने पाया कि 95% जानवर इंसानों की आवाज़ सुनकर शेरों की दहाड़ से ज्यादा डरते हैं। यह दिखाता है कि इंसानों से डरना अफ्रीकी जानवरों में एक गहरी और मजबूत भावना है, जो यह बताती है कि समय के साथ भी वे इस डर से छुटकारा नहीं पा पाए हैं।
वेस्टर्न यूनिवर्सिटी की टीम ने दक्षिण अफ्रीका के ग्रेटर क्रूगर नेशनल पार्क के जलाशयों पर विभिन्न ध्वनियों की रिकॉर्डिंग बजाई, ताकि जानवरों की प्रतिक्रिया देखी जा सके। यहां तक कि शेरों की मौजूदगी वाले संरक्षित इलाकों में भी जानवर इंसानों की आवाज़ से अधिक डरते नजर आए।
पहली लेखिका और जीवविज्ञानी लियाना वाई जानेट ने बताया कि “हमने कैमरे को एक खास तरह के बॉक्स में रखा ताकि हाइना और तेंदुए जैसे जानवर इसे चबा न सकें। एक रात, शेर की रिकॉर्डिंग सुनकर एक हाथी इतना गुस्से में आ गया कि उसने पूरे सेटअप को तहस-नहस कर दिया।”
लियाना के अनुसार, “सवाना के जंगल में जानवरों का इंसानों से डर उनके पर्यावरणीय प्रभाव का गवाह है। केवल इंसानों की मौजूदगी ही उनके लिए खतरे का संकेत है, जिससे वे बहुत ज्यादा घबराते हैं, शायद किसी अन्य शिकारी से ज्यादा।”