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दिल्ली में फिर बढ़ा वायु प्रदूषण का संकट, कई इलाकों में AQI 400 के पार

by reporter
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दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार सुबह वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर से ‘गंभीर श्रेणी’ में पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, सोमवार सुबह 6 बजे दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 से ऊपर रहा, जो ‘गंभीर’ स्तर का संकेत देता है। आनंद विहार इलाके में सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया, जहां AQI 432 मापा गया। इस स्तर की हवा में सांस लेना बेहद खतरनाक होता है और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

आनंद विहार के अलावा, अशोक विहार, बवाना, जहांगीरपुरी, मुंडका, द्वारका, न्यू मोती बाग, पटपड़गंज, पंजाबी बाग, रोहिणी, विवेक विहार और वजीरपुर जैसे इलाकों में भी AQI 400 के ऊपर दर्ज किया गया। अन्य क्षेत्रों में AQI का स्तर 300 से 400 के बीच रहा, जो ‘बहुत खराब’ माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली की खराब हवा का सबसे बड़ा कारण पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे सूक्ष्म धूल कण हैं, जो हवा में तैरते रहते हैं और सांस के साथ फेफड़ों में पहुंच जाते हैं।

दिल्ली सरकार इस बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न प्रयास कर रही है। इसमें सड़कों पर रोजाना एंटी-स्मॉग वाहनों द्वारा पानी का छिड़काव किया जा रहा है ताकि धूल कणों को कम किया जा सके। इसके अलावा, निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाई गई है और लोगों से कम से कम बाहर निकलने की अपील की गई है।

यमुना नदी में भी प्रदूषण का असर

दिल्ली की हवा के साथ-साथ यमुना नदी में भी प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है। कालिंदी कुंज इलाके में पिछले कुछ दिनों से यमुना नदी में झाग की मोटी परत देखी जा रही है। नदी में फैली ये झाग पानी में घुले रसायनों और औद्योगिक कचरे के कारण बनती है, जो पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है। इसके चलते पानी का उपयोग कृषि, घरेलू कामों, और जल संसाधनों के रूप में कठिन हो गया है।

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प्रदूषण का पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभाव

दिल्ली का प्रदूषण न केवल पर्यावरण, बल्कि स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल रहा है। वायु में मौजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे महीन कण सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंचते हैं, जिससे सांस की बीमारियां, अस्थमा, हृदय रोग, और अन्य श्वसन संबंधित समस्याएं बढ़ रही हैं। बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं पर इसका प्रभाव सबसे ज्यादा होता है।

दिल्ली के पर्यावरण पर भी प्रदूषण का गंभीर असर हो रहा है। पेड़-पौधे, जल स्रोत, और वन्यजीव इस जहरीली हवा के कारण प्रभावित हो रहे हैं। वायु प्रदूषण से दिल्ली के निवासियों की जीवन प्रत्याशा में भी कमी आई है और शहर का पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ता जा रहा है।

दिल्ली सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रयासों के बावजूद, प्रदूषण की समस्या हर साल सर्दियों के मौसम में बढ़ती जा रही है। इसे नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि दिल्ली और उसके आसपास के लोग स्वच्छ हवा में सांस ले सकें।

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