मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) में जहरीला पदार्थ खाने से अब तक कुल 10 हाथियों की मौत हो चुकी है। बुधवार और गुरुवार को तीन और हाथियों के शव मिले, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ गई है। इस मामले में वन मंत्री रामनिवास रावत ने दोषियों को बख्शा न जाने का आश्वासन दिया है और मौतों की गहन जांच का आदेश दिया है।
वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ-वन्यजीव) वीकेएन अंबाडे ने बताया कि हाथियों की मौत में किसी तरह की साजिश का संकेत नहीं मिला है, लेकिन अंतिम नतीजे शव परीक्षण और फोरेंसिक जांच के बाद ही सामने आएंगे। दिल्ली से वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो की पांच सदस्यीय टीम, नागपुर स्थित राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अधिकारी नंदकिशोर काले, और राज्य की स्पेशल टाइगर स्ट्राइक टीम जांच में जुटी हुई है।
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि मृत हाथियों ने कोदो बाजरा खाया था, जिसमें माइकोटॉक्सिन नामक जहरीला तत्व हो सकता है, जो उनकी मौत का कारण हो सकता है। हाथियों के पेट में विषाक्तता के संकेत मिले हैं। आगे की जांच के लिए नमूने जबलपुर के स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ फोरेंसिक एंड हेल्थ (एसडब्ल्यूएफएच) और अन्य संस्थानों में भेजे गए हैं।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी और विशेष कार्य बल की टीमों को नियुक्त किया है। यह घटना भारत की पहली ऐसी घटना मानी जा रही है, जिसमें इतने कम समय में 10 हाथियों की मौत हुई है। बांधवगढ़ रिजर्व के खितोली रेंज में लगातार निगरानी रखी जा रही है, और जांच समिति को 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।