environmentalstory

Home » वाराणसी में 13वां नेशनल सीड सम्मेलन: बीज क्षेत्र की चुनौतियों पर चर्चा

वाराणसी में 13वां नेशनल सीड सम्मेलन: बीज क्षेत्र की चुनौतियों पर चर्चा

by reporter
0 comment

कृषि मंत्रालय 28-30 नवंबर को वाराणसी में 13वां नेशनल सीड सम्मेलन(NSC) आयोजित करेगा। इस आयोजन का उद्देश्य कृषि बीज क्षेत्र में आ रही चुनौतियों पर चर्चा करना है, खासकर जब जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।

इस कार्यक्रम का आयोजन इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट (IRRI) साउथ एशिया रीजनल सेंटर और नेशनल सीड रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर (NSRTC) के सहयोग से किया जाएगा। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त सचिव शुभा ठाकुर ने कहा, “जलवायु-लचीले और पौष्टिक बीजों के साथ-साथ बेहतर फसलों की उपलब्धता पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है।”

इस साल के सम्मेलन का मुख्य विषय है “बीज क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग, साझेदारी और ज्ञान का आदान-प्रदान”। यह कार्यक्रम टिकाऊ और लचीले बीज प्रणालियों के विकास पर केंद्रित होगा, जिसमें जलवायु अनुकूलन के लिए फसलों की ब्रीडिंग, डिजिटल समाधान, और सार्वजनिक-निजी भागीदारी जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी।

banner

IRRI के डायरेक्टर जनरल, यवोन पिंटो ने कहा कि यह आयोजन एक महत्वपूर्ण समय पर हो रहा है, क्योंकि कृषि क्षेत्र बाजार की बदलती मांगों और अधिक समावेशी और टिकाऊ बीज प्रणालियों की आवश्यकता का सामना कर रहा है।

सम्मेलन का आयोजन IRRI साउथ एशिया रीजनल सेंटर में किया जाएगा, जिसने जलवायु-लचीली धान की किस्मों का विकास किया है और ‘सीड्स विदाउट बॉर्डर्स’ जैसी पहलों के माध्यम से सीमा-पार बीजों के आदान-प्रदान को सुगम बनाया है। इस केंद्र का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2018 में किया गया था।

सम्मेलन के प्रमुख फोकस क्षेत्र:

  • जलवायु अनुकूलन के लिए बीज प्रणालियों और फसल ब्रीडिंग में प्रगति
  • बीज की गुणवत्ता और तकनीक में नवाचार
  • ब्रीडिंग और बाजार की जानकारी के लिए डिजिटल समाधान
  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी को मजबूत करना और बीज वितरण के लिए अभिनव दृष्टिकोण

इस वार्षिक कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के कृषि क्षेत्र में नीतिगत बदलाव और तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देना है। आयोजकों के मुताबिक, यह सम्मेलन कृषि क्षेत्र की मौजूदा और भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए बीज प्रणालियों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

You may also like