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इराक का जल संकट: प्रदूषण और मरुस्थलीकरण ने जीवनदायिनी नदियों को किया कमजोर

by reporter
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इराक का जल संकट:
“दो नदियों के बीच की भूमि” के रूप में मशहूर इराक, अब जलवायु संकट से जूझ रहा है। टिगरिस और यूफ्रेट्स नदियाँ, जो कभी समृद्ध सभ्यताओं की जीवनरेखा थीं, आज सिकुड़ती जा रही हैं, जिससे देश गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है।

प्रदूषण की बढ़ती समस्या

इराक का पर्यावरण बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बासरा से लेकर किरकुक, मोसुल से लेकर नजफ तक, पूरे शहरों में विषैला धुआँ छाया हुआ है। सोशल मीडिया पर इराकी शहरों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जहां धुंध के कारण दृश्यता कम हो गई है। “ग्रीन इराक” पर्यावरण अवलोकनालय ने चेतावनी दी है कि उच्च-सल्फर वाले तेल के जलने से निकले विषैले पदार्थ पूरे देश में हवा को खराब कर रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इराक दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित देश है, और इसकी प्रदूषण सूचकांक 73.59% है।

जल संकट का संकट

इस संकट का एक और पहलू जल की गंभीर कमी है। नदियाँ, जो सदियों से लोगों की जीवनदायिनी रही हैं, अब सिकुड़ती जा रही हैं। कृषि विशेषज्ञ ताहसीन अल-मौसावी के अनुसार, “इराक को हर साल 50 बिलियन घन मीटर पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन पिछले चार वर्षों में इसे केवल 20 बिलियन घन मीटर पानी मिला है।”

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इस जल संकट ने इराक को वैश्विक जल गरीबी में 23वाँ स्थान दिलाया है। किसानों और चरवाहों के लिए पानी सिर्फ एक संसाधन नहीं, बल्कि उनके जीवन का आधार है। जब नदियाँ सूखती हैं, तो सम्पूर्ण समुदाय अपने जीने के तरीके को छोड़ने के लिए मजबूर हो जाते हैं।

जलवायु परिवर्तन और कृषि में गिरावट

जलवायु परिवर्तन ने इराक को सूखे और गर्मी से प्रभावित किया है। टिगरिस और यूफ्रेट्स नदियों के सूखने से कृषि क्षेत्र पर बुरा असर पड़ा है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में खेती बर्बाद हो गई है, जिससे परिवारों को अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

कानूनी और पर्यावरण संरक्षण में कमी

इराक के पर्यावरण की सुरक्षा केवल कागज पर है। कानून संख्या 27, 2009, जिसे पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बनाया गया था, उसे लागू करने में असफल रहा है। नदी किनारों पर औद्योगिक और अस्पतालों के कचरे से प्रदूषण फैल रहा है।

मरुस्थलीकरण और पुनर्वनीकरण के प्रयास

60% से अधिक इराक मरुस्थलीकरण का शिकार हो चुका है। लेकिन इस संकट के बीच, वृक्षारोपण अभियानों के माध्यम से इराक की हरियाली को पुनर्स्थापित करने की कोशिशें की जा रही हैं। हालांकि, इन प्रयासों के लिए जल की आवश्यकता है।

पर्यावरण मंत्रालय की प्रतिक्रिया

इराक के पर्यावरण मंत्रालय ने इस प्रदूषण संकट का समाधान खोजने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की है। प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने एक विशेष मंत्री समिति बनाने का निर्देश दिया है, जो तुरंत उपाय विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।

इराक के लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए ये प्रयास अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

यहाँ इराक की दो नदियों की भूमि की संकट भरी कहानी है, जहां प्रदूषण, जल संकट, और जलवायु परिवर्तन के कारण लोग अपने जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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