अडानी ग्रुप ने देश में प्रदूषण को कम करने के लिए एक बड़ी पहल की है। रिपोर्ट के अनुसार, अडानी टोटल गैस लिमिटेड (एटीजीएल) ने अहमदाबाद के शांतिग्राम में घरों में सप्लाई की जाने वाली पाइप नेचुरल गैस (पीएनजी) में 2.2-2.3 प्रतिशत ग्रीन हाइड्रोजन का मिश्रण शुरू कर दिया है। यह कदम फ्रांस की ऊर्जा क्षेत्र की कंपनी टोटलएनर्जीज के साथ मिलकर उठाया गया है, जिसका उद्देश्य नेट जीरो पॉल्यूशन के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन और मिश्रण
अडानी ग्रुप ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन विंड और सोलर एनर्जी जैसे नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके इलेक्ट्रोलाइसिस के माध्यम से कर रहा है, जिसमें पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित किया जाता है। इस ग्रीन हाइड्रोजन को प्राकृतिक गैस में मिलाया जा रहा है और इसकी सप्लाई घरेलू और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए की जा रही है। इस मिश्रण से घरों में खाना पकाने और उद्योगों में ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
अहमदाबाद में हाइड्रोजन मिश्रण परियोजना
एटीजीएल ने अपनी हाइड्रोजन मिश्रण प्रणाली की शुरुआत अहमदाबाद के अडानी शांतिग्राम से की है। इस परियोजना के माध्यम से करीब 4,000 घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को हाइड्रोजन-मिश्रित प्राकृतिक गैस की आपूर्ति की जा रही है। कंपनी ने धीरे-धीरे इस मिश्रण को बढ़ाकर पांच प्रतिशत और बाद में आठ प्रतिशत करने की योजना बनाई है, जिससे यह परियोजना अहमदाबाद के अन्य हिस्सों और अंततः अन्य क्षेत्रों में भी विस्तार करेगी।
भारत में स्वच्छ ऊर्जा के लिए बड़ी पहल
अडानी टोटल गैस लिमिटेड की यह परियोजना वर्तमान में देश की सबसे बड़ी हाइड्रोजन मिश्रण परियोजना मानी जा रही है। इससे पहले, एनटीपीसी गुजरात के सूरत जिले के कवास में और गेल (इंडिया) लिमिटेड मध्य प्रदेश के इंदौर में छोटे पैमाने पर ग्रीन हाइड्रोजन मिश्रण की आपूर्ति कर रहे हैं। अडानी ग्रुप की यह पहल देश के ऊर्जा परिदृश्य को कार्बन मुक्त बनाने और स्वच्छ ऊर्जा समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सीईओ का बयान
एटीजीएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुरेश पी मंगलानी ने कहा, “यह पहल भारत के ऊर्जा क्षेत्र को कार्बन मुक्त बनाने और स्वच्छ ऊर्जा समाधान की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता का हिस्सा है। प्राकृतिक गैस में हाइड्रोजन के मिश्रण से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी, ऊर्जा सुरक्षा बढ़ेगी, और सतत विकास का समर्थन होगा।”
अडानी ग्रुप की इस पहल से न केवल कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी बल्कि इससे देश में स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा की दिशा में भी एक नई उम्मीद जागी है। नेट जीरो पॉल्यूशन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए उठाया गया यह कदम पर्यावरण की सुरक्षा और स्वच्छ भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।