Air Pollution News : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सर्दी के मौसम में प्रदूषण का कहर लगातार जारी है। सोमवार को भी शहर के अधिकांश इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘सीवियर’ श्रेणी में पहुंच गया, जहां कई जगहों पर यह 400 से ऊपर दर्ज किया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, सुबह 8 बजे आनंद विहार में AQI 404, वजीरपुर में 405, रोहिणी में 402 और नरेला में 418 तक पहुंचा। यह स्तर लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है, जहां सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है।
दिल्ली सरकार और पर्यावरण मंत्रालय ने पहले ही ‘ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान’ (GRAP) के तहत सख्त कदम उठाए हैं। स्टेज-4 के तहत निर्माण कार्य पूरी तरह बंद हैं, स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेस चल रही हैं और 10 साल से पुराने वाहनों पर पाबंदी लगा दी गई है।
इसके बावजूद, पड़ोसी राज्यों से आने वाली फसल अवशेष जलाने की हवा और स्थानीय उद्योगों के धुंए ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडी हवाओं के कारण प्रदूषक कण हवा में फंस जाते हैं, जिससे AQI में तेजी से इजाफा होता है।
सोमवार सुबह 8 बजे दिल्ली के प्रमुख इलाकों में AQI का हाल इस प्रकार था:
आनंद विहार: 404 आईटीओ: 370 चांदनी चौक: 375 रोहिणी: 402 वजीरपुर: 405 अशोक विहार: 392 बवाना: 408 बुराड़ी: 341 द्वारका सेक्टर-8: 387 जहांगीरपुरी: 403 नरेला: 418 ओखला फेज-2: 386 शादीपुर: 306 सोनिया विहार: 370 विवेक विहार: 388
ये आंकड़े CPCB के रीयल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम से लिए गए हैं। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि ‘सीवियर’ AQI से सांस की बीमारियां, हृदय रोग और बच्चों में अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है। विशेष रूप से बुजुर्गों और बच्चों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जा रही है। एनजीटी ने भी केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
पर्यावरणविदों का मानना है कि लंबे समय के समाधान के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा, हरित ऊर्जा और सीमा-पार प्रदूषण पर नियंत्रण जरूरी है। दिल्लीवासियों ने सोशल मीडिया पर #CleanAirNow कैंपेन चलाकर सरकार से फौरी राहत की मांग की है। अगर यह सिलसिला यूं ही चला तो क्रिसमस और न्यू ईयर पर भी मास्क अनिवार्य हो सकता है। फिलहाल, मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में हल्की बारिश की संभावना जताई है, जो प्रदूषण कम करने में मददगार हो सकती है।
