Air Pollution News: उत्तर प्रदेश का नोएडा देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 397 तक पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, 17 दिसंबर को नोएडा का AQI 331 था, यानी एक दिन में 66 अंकों का उछाल। यहां PM2.5 कणों की अधिकता है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सुरक्षित सीमा से 2,400% अधिक है। यह स्तर स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है, सांस संबंधी बीमारियां बढ़ा सकता है।
दिल्ली में भी प्रदूषण चरम पर है। राजधानी का AQI 373 हो गया, जो कल के 334 से 39 अंक ऊपर है। WHO मानकों से 2,300% अधिक। फरीदाबाद में AQI 239 दर्ज, 42 अंकों की वृद्धि के साथ मध्यम से खराब श्रेणी में। पंचकुला (346), बद्दी (345), ग्रेटर नोएडा (344) और गाजियाबाद (339) टॉप-6 प्रदूषित शहरों में। दस सबसे प्रदूषित में उत्तर प्रदेश के तीन और हरियाणा के दो शहर शामिल। कल रोहतक (385) सबसे खराब था, लेकिन आज आंकड़ों में अनुपस्थित।
दूसरी ओर, तमिलनाडु का नागपट्टिनम सबसे साफ शहर रहा, AQI 28। नोएडा से तुलना में यहां स्थिति 13 गुना बेहतर। CPCB के 233 शहरों के विश्लेषण में महज 5.6% (13 शहर) में हवा साफ (0-50), 22.7% (53 शहर) संतोषजनक (51-100)। 71.7% शहरों में चिंताजनक हालात: 115 मध्यम (101-200), 40 खराब (201-300), 12 बेहद खराब (301-400)। कल से साफ शहरों में कोई बदलाव नहीं, लेकिन संतोषजनक में 10% इजाफा, खराब में 17% गिरावट। बेहद खराब शहरों में 20% वृद्धि।
साफ हवा वाले शहर: आइजोल, चामराजनगर, चिक्कमगलुरु, कोयंबटूर, नागपट्टिनम आदि। संतोषजनक: बेंगलुरु, हैदराबाद, इंदौर, मैसूर। खराब: गुरुग्राम (276), पुणे, मेरठ। बेहद खराब: दिल्ली, नोएडा, विशाखापत्तनम।
AQI पैमाने में 301-400 बेहद खराब, लंबे समय तक स्वास्थ्य को नुकसान। 401-500 गंभीर, स्वस्थ लोगों को भी खतरा। विशेषज्ञों का कहना है, सर्दी में वायु स्थिरता से प्रदूषण बढ़ता है। सरकार GRAP-3 लागू कर सकती है। जनवरी-अप्रैल 2025 में दिल्ली में कोई साफ दिन नहीं, नवंबर में 8 गंभीर। नागरिक मास्क पहनें, आउटडोर गतिविधियां कम करें।
