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28 नवंबर 2025 को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार देश के 252 शहरों में से सिर्फ 11 शहरों (4.4%) में ही हवा “बेहतर” (AQI 0-50) रही, जिनमें शिलांग (AQI 13) सबसे साफ रहा।
देश के टॉप-10 सबसे प्रदूषित शहर:
- नोएडा – 388
- ग्रेटर नोएडा – 378
- धारूहेड़ा – 376
- दिल्ली – 369
- मानेसर – 368
- भिवाड़ी – 350
- चरखी दादरी – 348
- गाजियाबाद – 347
- सोनीपत – 344
- रोहतक – 338
टॉप-10 में उत्तर प्रदेश के 3 और हरियाणा के 5 शहर शामिल हैं। नोएडा में प्रदूषण WHO की सुरक्षित सीमा से 2,400% अधिक है जबकि शिलांग की तुलना में 29 गुना खराब स्थिति है।
वायु गुणवत्ता वर्गीकरण (252 शहरों में):
- बेहतर (0-50): 11 शहर
- संतोषजनक (51-100): 72 शहर
- मध्यम (101-200): 119 शहर
- खराब (201-300): 39 शहर
- बेहद खराब (301-400): 11 शहर
दिल्ली में कल 369 AQI के साथ चौथा सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि फरीदाबाद में सुधार के बाद AQI 190 (मध्यम श्रेणी) पर आ गया। ज्यादातर प्रदूषित शहरों में PM2.5 प्रमुख प्रदूषक बना हुआ है, जो स्वास्थ्य के लिए सबसे खतरनाक है।
देश में प्रदूषण का यह स्तर लगातार चिंताजनक बना हुआ है और सर्दी बढ़ने के साथ हालात और बिगड़ने की आशंका है।
