केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के 04 सितंबर 2025 के आंकड़ों के अनुसार, देश के 59% शहरों में हवा साफ है, जबकि 37% में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। हालांकि, 4% शहरों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
विशाखापत्तनम में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 129 दर्ज किया गया, जो देश में सबसे प्रदूषित है। यहां पीएम10 कणों की अधिकता के कारण प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों से 187% अधिक है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। कल की तुलना में यहां प्रदूषण में 7 अंकों की वृद्धि हुई है।
दूसरी ओर, कर्नाटक के मदिकेरी में हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई मात्र 16 दर्ज किया गया। विशाखापत्तनम की तुलना में मदिकेरी की हवा आठ गुना बेहतर है। अन्य प्रदूषित शहरों में कांचीपुरम (एक्यूआई 125), राजसमंद (121), श्रीगंगानगर (115), जैसलमेर (108), बीकानेर (107), धनबाद (104), हावेरी (102) और गुम्मिडिपूंडी (101) शामिल हैं।
गुम्मिडिपूंडी में कल की तुलना में 22 अंकों का सुधार देखा गया।प्रदूषण के स्रोतों में कांचीपुरम और श्रीगंगानगर में पीएम2.5 कण, जबकि विशाखापत्तनम, जैसलमेर, बीकानेर और गुम्मिडिपूंडी में पीएम10 कण प्रमुख हैं। कुछ शहरों में ओजोन, कार्बन और सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) का स्तर भी चिंताजनक है।
देश के 131 शहरों, जैसे देहरादून, इंदौर, भोपाल, बेंगलुरु, मदिकेरी, और नागपुर में हवा साफ (एक्यूआई 0-50) रही। 83 शहरों, जिनमें दिल्ली (58), मुंबई (56), चेन्नई (64), हैदराबाद (81), और लखनऊ (52) शामिल हैं, में वायु गुणवत्ता संतोषजनक (एक्यूआई 51-100) रही।
नौ शहरों में एक्यूआई 101-200 के बीच रहा, जो मध्यम श्रेणी दर्शाता है।दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कल की तुलना में बढ़ा, लेकिन यह अभी संतोषजनक श्रेणी में है। पिछले कुछ महीनों में दिल्ली की हवा ज्यादातर संतोषजनक रही, हालांकि नवंबर और दिसंबर 2024 में कई दिन गंभीर स्थिति दर्ज की गई थी।
वायु गुणवत्ता सूचकांक का मतलब
- 0-50: साफ हवा (बेहतर)
- 51-100: संतोषजनक
- 101-200: मध्यम
- 201-300: खराब
- 301-400: बहुत खराब
- 401-500: गंभीर (स्वस्थ लोगों के लिए भी खतरनाक)
देश में प्रदूषण का स्तर उतार-चढ़ाव के साथ बना हुआ है। सीपीसीबी के आंकड़े बताते हैं कि साफ और संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में मामूली बदलाव देखा गया है, लेकिन कुल मिलाकर ज्यादातर शहरों में हवा की गुणवत्ता बेहतर या संतोषजनक है।