Air Pollution News : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, आज ग्रेटर नोएडा देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 154 तक पहुंच गया।
यहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी हैं, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानकों से 242% अधिक है। इस स्तर का प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
मोतिहारी में सुधार, शिलांग में सबसे साफ हवा: कल मोतिहारी (बिहार) में एक्यूआई 217 के साथ स्थिति सबसे खराब थी, लेकिन आज इसमें 167 अंकों का सुधार हुआ और एक्यूआई 50 तक पहुंच गया।
दूसरी ओर, शिलांग की हवा आज भी देश में सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई मात्र 9 दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा की तुलना में शिलांग की हवा 16 गुना बेहतर है।
देश के 55% शहरों में साफ हवा: सीपीसीबी के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि देश के 228 शहरों में से 126 (55.2%) में हवा ‘बेहतर’ (एक्यूआई 0-50) है। इनमें हनुमानगढ़, हापुड़, इंदौर, जबलपुर, कोलकाता, मैसूर, नागपुर, नवी मुंबई आदि शामिल हैं।
90 शहरों (39.5%) में वायु गुणवत्ता ‘संतोषजनक’ (एक्यूआई 51-100) है, जबकि 12 शहरों (5.3%) में ‘मध्यम’ (एक्यूआई 101-200) श्रेणी में स्थिति चिंताजनक है।
दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा: दिल्ली में कल की तुलना में प्रदूषण बढ़ा है, जहां एक्यूआई 120 तक पहुंच गया, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में है। दिल्ली देश के सबसे प्रदूषित शहरों में छठे स्थान पर है। अन्य प्रदूषित शहरों में पंचगांव (150), श्रीगंगानगर (140), नोएडा (125), सिंगरौली (125), छपरा (114), गाजियाबाद (114), राजसमंद (111) और भिवाड़ी (110) शामिल हैं।
प्रदूषण के स्रोत: ग्रेटर नोएडा, श्रीगंगानगर, नोएडा, दिल्ली और गाजियाबाद में पीएम10 प्रमुख प्रदूषक है, जबकि पंचगांव, सिंगरौली और भिवाड़ी में पीएम2.5 हावी है। कुछ शहरों में ओजोन और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे प्रदूषक भी चिंता का कारण बने हुए हैं।
साफ हवा वाले शहरों में इजाफा: अच्छी खबर यह है कि कल की तुलना में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 5% की वृद्धि हुई है। हालांकि, संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 7% की कमी आई है, और मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 20% की वृद्धि हुई है।
दिल्ली का प्रदूषण रिकॉर्ड: दिल्ली में जून, जुलाई और अगस्त 2025 में ज्यादातर दिन वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, लेकिन जनवरी से अप्रैल तक एक भी दिन साफ हवा वाला नहीं था। नवंबर 2024 में 8 दिन और दिसंबर 2024 में 6 दिन वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में रही, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया था।