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संसद में बारिश: प्राकृतिक खेती, और स्वास्थ्य मुद्दों पर चर्चा

by kishanchaubey
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23 जुलाई 2025 को संसद में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि मानसून 2025 (14 जुलाई तक) में ओलावृष्टि, भारी बारिश, और बाढ़ से 1,58,651.077 हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ। इसमें धान, गेहूं, जौ, सरसों, ज्वार, बाजरा, मक्का, प्याज, और बागवानी फसलें शामिल हैं।

कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (एनएमएनएफ) की जानकारी दी, जो 7.5 लाख हेक्टेयर में 15,000 प्राकृतिक खेती समूहों के माध्यम से लागू हो रहा है। प्रत्येक समूह 50 हेक्टेयर क्षेत्र और 125 किसानों को कवर करता है, जो पर्यावरण-अनुकूल खेती को बढ़ावा देता है।

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम न्यूनीकरण परियोजना (एनसीआरएमपी) पर कहा कि इसका उद्देश्य चक्रवातों के प्रति संवेदनशीलता कम करना और तटीय पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण करना है। यह आठ तटीय राज्यों में दो चरणों में लागू हुई, जिसमें पहले चरण में आंध्र प्रदेश और ओडिशा, तथा दूसरे में गोवा, गुजरात, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

उन्होंने आपदा प्रबंधन (संशोधन) अधिनियम, 2025 की भी जानकारी दी, जो 9 अप्रैल 2025 से लागू है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 16 बटालियनों की स्वीकृत संख्या 18,581 है। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने असम में अफ्रीकी स्वाइन फीवर (एएसएफ) से 44,596 सूअरों की मृत्यु और 8,295 को रोकथाम के लिए मारने की जानकारी दी। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने बताया कि 30 जून 2025 तक सौर परियोजनाओं की कुल क्षमता 116.25 गीगावाट है, और 2024-25 में 144.15 बिलियन यूनिट ऊर्जा उत्पादित हुई।

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नौ बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) परियोजनाएं 204.5 मेगावाट और 505.6 मेगावाट घंटा क्षमता के साथ चालू हैं। स्वास्थ्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि एनबी.1.8.1 वेरिएंट (निम्बस) के कारण भारत सहित कई क्षेत्रों में कोविड-19 के मामले बढ़े हैं। पंजाब में कैंसर ट्रेन की अनुपस्थिति की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि ‘तृतीयक कैंसर देखभाल सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण’ योजना के तहत 39 संस्थानों को मंजूरी दी गई है।

प्रत्येक राज्य कैंसर संस्थान (एससीआई) के लिए 120 करोड़ रुपये और तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्र (टीसीसीसी) के लिए 45 करोड़ रुपये की सहायता दी जाती है। जाधव ने युवाओं में मधुमेह के नए उप-प्रकार की पहचान की जानकारी दी, जो एबीसीसी8 जीन उत्परिवर्तन के कारण होता है। अध्ययन के अनुसार, युवा-शुरुआती मधुमेह के 14 प्रकारों में से दो भारत में सबसे आम हैं। ये चर्चाएं जलवायु परिवर्तन, कृषि, और स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

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