21 जुलाई 2025 को दक्षिण-पश्चिम मानसून, कम दबाव का क्षेत्र और चक्रवाती प्रसार के कारण देश के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आंध्र प्रदेश, तटीय कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, तेलंगाना और उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश (115.6-204.4 मिमी) का अनुमान जताया है।
इन क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जिसके तहत भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बना हुआ है। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिम उत्तर प्रदेश में गरज के साथ मध्यम से भारी बारिश (64.5-115.5 मिमी) और बिजली गिरने की आशंका है। इन राज्यों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, कोंकण, गोवा, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भी भारी बारिश की संभावना है, जहां येलो अलर्ट लागू है।मौसम विभाग ने उत्तराखंड के अल्मोड़ा, चमोली, देहरादून, नैनीताल जैसे जिलों में अचानक बाढ़ और जलभराव की चेतावनी दी है।
हिमाचल प्रदेश के चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और जम्मू-कश्मीर के कठुआ, पुंछ, उधमपुर जैसे जिलों में भी बाढ़ का खतरा है। चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा के अंबाला, पंचकूला और पंजाब के पटियाला में जलभराव की आशंका है। तटीय कर्नाटक के उडुपी, दक्षिण कन्नड़, केरल के अलाप्पुझा, कोट्टयम, तिरुवनंतपुरम और आंध्र प्रदेश के गुंटूर, नेल्लोर, तेलंगाना के खम्मम, नलगोंडा जैसे जिलों में भी बाढ़ का जोखिम है।
20 जुलाई को तंजावुर (तमिलनाडु) में अधिकतम तापमान 39.0 डिग्री सेल्सियस और जेउर (महाराष्ट्र) में न्यूनतम 19.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कटरा (जम्मू-कश्मीर) में 17 सेमी, विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) में 8 सेमी, सूरत (गुजरात) में 8 सेमी बारिश हुई।मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने, अनावश्यक यात्रा से बचने, नदियों के पास सावधानी बरतने और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है। खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और बादल फटने का खतरा बना हुआ है। किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने को कहा गया है।