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नंदेसरी में प्रदूषण का स्तर फिर सबसे खराब, सूरत और बर्नीहाट भी पीछे; शिलांग की हवा सबसे साफ

by kishanchaubey
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Air Pollution : गुजरात के नंदेसरी में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार चिंताजनक बना हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के 10 जुलाई 2025 के आंकड़ों के अनुसार, नंदेसरी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 270 दर्ज किया गया, जो इसे देश का सबसे प्रदूषित शहर बनाता है।

पिछले कई दिनों से नंदेसरी की हवा ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है, जिसमें प्रदूषण के महीन कण (PM2.5) प्रमुख रूप से हावी हैं। सूरत में भी स्थिति गंभीर है, जहां AQI 266 रिकॉर्ड किया गया, जो इसे देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बनाता है। मेघालय का बर्नीहाट 156 AQI के साथ तीसरे स्थान पर है।

इन तीनों शहरों में PM2.5 कणों का स्तर वायु गुणवत्ता को खराब करने का प्रमुख कारण है। इसके विपरीत, मेघालय की राजधानी शिलांग में हवा सबसे साफ रही, जहां AQI मात्र 10 दर्ज किया गया। नंदेसरी की तुलना में शिलांग की वायु गुणवत्ता 26 गुणा बेहतर है।

सीपीसीबी के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि देश के 43% शहरों में हवा ‘बेहतर’ (AQI 0-50) रही, जबकि 50% से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता ‘संतोषजनक’ (AQI 51-100) दर्ज की गई। हालांकि, 6% से अधिक शहरों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

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प्रदूषित शहरों की स्थिति:

  • राजस्थान का बांसवाड़ा (AQI 117) चौथे और बूंदी (AQI 116) पांचवें स्थान पर है।
  • पाली (AQI 116), वापी (AQI 114), जालौर (AQI 110), नागौर (AQI 110), और इंफाल (AQI 109) भी शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
  • बांसवाड़ा, बूंदी, पाली, वापी, जालौर, नागौर, गुम्मिडिपूंडी, उदयपुर, विशाखापत्तनम, और जैसलमेर में PM10 कण हावी हैं, जबकि नंदेसरी, सूरत, और बर्नीहाट में PM2.5 कणों का स्तर चिंताजनक है।

साफ हवा वाले शहर:

देश के 96 शहरों में वायु गुणवत्ता ‘बेहतर’ श्रेणी में रही, जिनमें शिलांग, चुरू, कोयंबटूर, कटक, देहरादून, गोरखपुर, हावड़ा, जबलपुर, कोलकाता, मैसूर, नागपुर, और प्रयागराज शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 3% से अधिक की वृद्धि हुई है।

दिल्ली में राहत:

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। 10 जुलाई 2025 को दिल्ली का AQI 59 दर्ज किया गया, जो 22 अंकों की कमी के साथ ‘संतोषजनक’ श्रेणी में है।

यह 2025 में पहला मौका है जब दिल्ली की हवा इतनी साफ रही। हालांकि, पिछले चार महीनों (जनवरी- अप्रैल 2025) में दिल्ली की हवा एक भी दिन ‘बेहतर’ श्रेणी में नहीं रही। नवंबर 2024 में आठ दिन और दिसंबर 2024 में छह दिन दिल्ली में AQI ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया था।

अन्य प्रमुख शहरों की स्थिति:

  • ग्वालियर: AQI 54 (संतोषजनक)
  • गाजियाबाद: AQI 54 (संतोषजनक)
  • गुवाहाटी: AQI 55 (संतोषजनक)
  • नोएडा: AQI 55 (संतोषजनक)
  • मुंबई: AQI 61 (संतोषजनक)
  • लखनऊ: AQI 56 (संतोषजनक)
  • चेन्नई: AQI 80 (संतोषजनक)
  • चंडीगढ़: AQI 53 (संतोषजनक)
  • हैदराबाद: AQI 73 (संतोषजनक)
  • जयपुर: AQI 66 (संतोषजनक)
  • पटना: AQI 94 (संतोषजनक)

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का मतलब:

  • 0-50 (बेहतर): हवा साफ, स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा नहीं।
  • 51-100 (संतोषजनक): हवा स्वीकार्य, संवेदनशील लोगों के लिए मामूली जोखिम।
  • 101-200 (मध्यम): संवेदनशील व्यक्तियों के लिए अस्वस्थ, सामान्य लोगों के लिए स्वीकार्य।
  • 201-300 (खराब): स्वास्थ्य के लिए हानिकारक, विशेषकर संवेदनशील समूहों के लिए।
  • 301-400 (बेहद खराब): गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव, लंबे समय तक नुकसान।
  • 401-500 (गंभीर): स्वस्थ लोगों के लिए भी खतरनाक, बीमार लोगों के लिए जानलेवा।

रुझान और विश्लेषण:

  • देश के 222 शहरों में से 96 में AQI ‘बेहतर’ और 112 में ‘संतोषजनक’ रहा। 12 शहरों में AQI ‘मध्यम’ श्रेणी में है।
  • नंदेसरी में प्रदूषण का स्तर स्थिर लेकिन गंभीर (AQI 270) बना हुआ है।
  • मध्यम AQI वाले शहरों की संख्या में 8% की कमी एक सकारात्मक संकेत है।

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