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नेपाल में 6.1 तीव्रता का भूकंप: बिहार, सिलीगुड़ी और पूर्वोत्तर भारत में महसूस किए गए झटके

by kishanchaubey
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Earthquake : नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, 28 फरवरी 2025 की सुबह नेपाल में 6.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। इस भूकंप के झटके बिहार, सिलीगुड़ी और भारत के अन्य निकटवर्ती क्षेत्रों में भी महसूस किए गए। NCS के मुताबिक, भूकंप सुबह करीब 2:36 बजे नेपाल के बागमती प्रांत में आया, जो बिहार के मुजफ्फरपुर से लगभग 189 किलोमीटर उत्तर में स्थित है।

अन्य एजेंसियों के अनुसार, जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) ने इस भूकंप की तीव्रता 5.6 और गहराई 10 किलोमीटर बताई, जबकि अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने इसकी तीव्रता 5.5 आंकी है। भूकंप की तीव्रता मध्यम स्तर की थी, जिससे भूकंप के केंद्र के पास तेज़ कंपन और हल्की संरचनात्मक क्षति की संभावना बनी रहती है।

नेपाल और पूर्वोत्तर भारत में भूकंप का प्रभाव
अब तक किसी बड़े नुकसान या हताहत की कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो और पोस्ट में पटना, सिक्किम और दार्जिलिंग में इमारतों और छत के पंखे हिलते हुए दिखाए गए हैं। स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और भूकंप के प्रभावों का आकलन किया जा रहा है।

नेपाल: दुनिया के सबसे अधिक भूकंप-प्रवण क्षेत्रों में से एक
नेपाल भूकंप-प्रवण क्षेत्रों में आता है, क्योंकि यह भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव क्षेत्र में स्थित है। भारतीय प्लेट हर साल लगभग 5 सेमी की दर से उत्तर की ओर बढ़ रही है और यूरेशियन प्लेट को धकेल रही है, जिससे हिमालय क्षेत्र में निरंतर भूगर्भीय तनाव बनता है। जब यह तनाव चट्टानों की क्षमता से अधिक हो जाता है, तो भूकंप आते हैं।

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नेपाल का अस्थिर भूगोल और यहां की चट्टान संरचना भूकंप के प्रभाव को और अधिक गंभीर बना देती है। खासकर काठमांडू जैसे घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में अनियमित निर्माण और कमजोर बुनियादी ढांचे के कारण भूकंप से होने वाले नुकसान और हताहतों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

हाल ही में आए अन्य भूकंप
नेपाल और भारत का हिमालयी क्षेत्र हाल ही में कई भूकंपों का गवाह बना है:

  • जनवरी 2025: तिब्बत के हिमालयी क्षेत्र में 7.1 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 125 से अधिक लोगों की जान गई थी।
  • 27 फरवरी 2025: असम के मोरीगांव जिले में 5.0 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। इस भूकंप के झटके गुवाहाटी और अन्य हिस्सों में महसूस किए गए थे। यह भूकंप 16 किमी की गहराई पर सुबह 2:25 बजे आया था।

असम: भूकंप का संवेदनशील क्षेत्र
असम और पूर्वोत्तर भारत भूकंप की दृष्टि से सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में आते हैं। यह क्षेत्र भूकंपीय जोन 4 और 5 में आता है, जिसका अर्थ है कि यहां तेज़ भूकंपों का खतरा बना रहता है। इतिहास में असम में कई बड़े भूकंप दर्ज किए गए हैं, जैसे:

  • 1950 असम-तिब्बत भूकंप: 8.6 तीव्रता का भूकंप, जो अब तक के सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक था।
  • 1897 शिलांग भूकंप: 8.1 तीव्रता का भूकंप, जिसने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई थी।

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